चेला ने बाबा, उनके पुत्र और शिष्या की ली थी जान
हरदोई टड़ियावां थाना क्षेत्र के कुआंमऊ आश्रम में सोमवार रात बाबा उनकी शिष्या और पुत्र की थी हत्या।
हरदोई: टड़ियावां थाना क्षेत्र के कुआंमऊ आश्रम में सोमवार रात बाबा, उनकी शिष्या और पुत्र की हत्या बाबा के चेले ने की थी। बाबा की 48 बीघा खेत की पहले फर्जी विरासत बनवाई। उसे लगा कि बाबा जिदा रहते हुए ही खेत किसी और को दे देंगे तो अपने साले व साथी के साथ मिलकर तीनों की हत्या कर दी। पुलिस ने मुख्य आरोपित चेला समेत तीन को गिरफ्तार कर बुधवार रात हत्याकांड का राजफाश किया।
बाबा हीरादास, उनकी शिष्या मीरादास और बाबा के पुत्र नेकराम की सिर कुचलकर हत्या कर दी गई थी। मंगलवार सुबह तीनों के शव आश्रम स्थित एक कमरे में पड़े मिले थे। बाबा के पास रहने वाले मझिला थाना क्षेत्र के रोहतापुर निवासी चेला रक्षपाल ही सबसे पहले आया था और उसने ही सभी को सूचना दी। पुलिस शुरू से ही उस पर शक कर रही थी और जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो रक्षपाल ही मुख्य आरोपी निकला। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने पत्रकारों को बताया कि रक्षपाल हिस्ट्रीशीटर है और पुलिस मुठभेड़ में उसके गोली भी लग चुकी है। जेल से छूटने के बाद करीब एक वर्ष से वह बाबा के पास रहकर उनकी खेतीबाड़ी कराता था। बाबा हीरादास के 48 बीघा खेत पर उसकी नजर थी। 17 अगस्त को रक्षपाल ने पिहानी थाना क्षेत्र के बंदराहा निवासी राजीव के साथ मिलकर फर्जी तरीके से बाबा के खेत की विरासत बनवा ली थी और उसके बाद से ही बाबा व उसके पुत्र नेकराम को रास्ते से हटाने की सोचने लगा था। उसने सोच लिया था कि किसी दिन हादसा दिखाकर उनकी हत्या कर देगा, लेकिन कुछ दिन पहले ही बाबा हीरादास ने अपने सात बीघा खेत को बेचने की बात कर ली थी। जिसके बाद से ही रक्षपाल ने हीरादास की हत्या की पूरी साजिश रची। कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के नीर निवासी अपने साले संजय को भी योजना में शामिल किया और सोमवार रात रक्षपाल व संजय ने हीरादास, उनकी शिष्या मीरादास और पुत्र नेकराम की हत्या कर दी। उसने सोचा था कि उनके मर जाने पर विरासत के आधार पर खेत उसे मिल जाएगा। एसपी ने बताया कि रक्षपाल और संजय के साथ ही साजिश में शामिल रहने वाले राजीव को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। तीनों ने अपना जुर्म स्वीकार भी कर लिया। उनके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त किया गया चाकू आदि भी बरामद कर लिया गया है। एसपी ने बताया कि पुलिस टीम को 10 हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया जा रहा है।