सबकुछ गुजरात में छोड़कर जान बचाकर भाग आए परिवार
हरदोई : गुजरात के हालात से अपना सब कुछ छोड़कर परिवार भाग रहे हैं। हरदोई जिले के
हरदोई : गुजरात के हालात से अपना सब कुछ छोड़कर परिवार भाग रहे हैं। हरदोई जिले के कई परिवार गुजरात में रह रहे थे जोकि अब भाग आए हैं। अहमदाबाद के थलतेज गांव में कोतवाली देहात क्षेत्र के खेतुई निवासी भोला ¨सह और सुरसा क्षेत्र के महुरा निवासी रामसहोदर का परिवार भी रहता था। वह लोग वर्षों से वहीं पर रह रहे थे और काफी कुछ कमाया था पर सब कुछ छोड़कर भाग आए। वह लोग बताते हैं कि वहां बोली भाषा से मालूम पड़ता है कि हम लोग यूपी वाले हैं। भाषा से शक होता है तो उपद्रवी उनका आधार कार्ड मांगते हैं। रामसहोदर का कहना है कि उनके चाचा राममूर्ति समेत गांव के करीब 15 लोग अभी भी वहीं पर फंसे हैं। जिन लोगों के पास पैसा था वह भाग गए, लेकिन जिनकी पगार नहीं मिली थी वह मजबूर होकर नहीं निकल सके और फंस गए।
भोला की आंखों में घूम रहा है मंजर : कोतवाली देहात क्षेत्र के खेतुई निवासी भोला ¨सह अपनी पत्नी अर्चना ¨सह के साथ रहता था और वहां पर इलेक्ट्रिक खराद का काम करता था। भोला ¨सह बताते हैं कि गुजरात में काम धंधा बढि़या चलता था। रोजी रोटी खूब अच्छी चलती थी। सब खुश थे, लेकिन ऐसी घटना घटी कि वहां के लोगों ने धमकी देना शुरू कर दिया। कहते थे कि यूपी-बिहार वाला कोई नहीं चाहिए और भगा दिया। हम लोग जान बचाकर चुपके से भागकर आए। सामान आदि सब यहीं छूट गया। स्टेशन पर आए तो वहां भी लोग डंडा लेकर खड़े थे। उन लोगों को जो कोई बी मिल जाता उसे मारते पीटते। हम लोग वहां बस का पता करके धीरे-धीरे करके टिकट निकाला। आगरा तक की बस आई। जिसके बाद वह लोग सुरक्षित घर पहुंचे।
बवाल की खबर मिलते ही भागने की कर ली थी तैयारी : सुरसा क्षेत्र के महुरा निवासी रामसहोदर, उसका भाई गोलू, मां उमा ¨सह, पत्नी मधू, बहन जूली आदि पूरा परिवार थलतेज गांव में ही रहता था। रामसहोदर बताते हैं कि वह 15 साल से वहीं पर रहकर सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते थे। जैसे ही उन्हें पता चला कि यूपी वाले मारे जा रहे हैं। उसी समय भागने की सोंच ली थी। शनिवार को चुपचाप निकले। उन्होंने बताया कि गांवों में ज्यादा उपद्रव है। लोग घूमते रहते हैं और जैसे ही कोई यूपी या बिहार का मिलता है उसे निशाना बना लेते। हालांकि वह उन लोगों से बच गया और किसी ने उसे छू नहीं पाया। वह बताते हैं कि वहां पर 10 रुपये की चीज पांच सौ रुपये में दी जा रही है।
भैयाजी कहने वाले दे रहे गाली : अब वहां भैया जी नहीं बोलते, गाली देते हैं। कहते हैं कि इनको भगाओ यहां से मारो लाठी लेकर आते हैं उनके पास बांका ऐसा रहता है कि सिर काट लें। एक हमारा भाई गया उसको रात में पकड़ लिया था और बहुत मारा पीटा।
मकान मालिक ने बचाई जान : भोला ¨सह बताता है कि गुजरात में सब लोग एक से नहीं हैं, वह जिस मकान में किराए पर रहता था, मकान मालिक ने उसकी जान बचाई। हम लोगों ने रात में उसे बुलाया फिर सुबह पता किया तो गाड़ी है फिर वही टिकट लेकर आया। वहां पर 4-5 लाख का सामान सब कुछ छूट गया।