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वेंटिलेटरों पर भारी पड़ी थी टेक्नीशियन की कमी

-गंभीर रोगियों के इलाज के लिए जिले में थे 33 वेंटिलेटर

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 11:04 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 11:04 PM (IST)
वेंटिलेटरों पर भारी पड़ी थी टेक्नीशियन की कमी
वेंटिलेटरों पर भारी पड़ी थी टेक्नीशियन की कमी

हरदोई : संक्रमितों की हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा जाता है। जिले के कोविड सेंटर एल टू में 33 वेंटिलेटर लगे थे, लेकिन टेक्नीशियन न होने के कारण सभी शोपीस थे। तीसरी लहर से निपटने में वेंटिलेटर के साथ ही बाइपेप और सीपेप व अन्य उपकरणों की व्यवस्था की गई है। इस बार टेक्नीशियन की कमी नहीं रहेगी। इसकी तैयारी कर ली गई है।

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कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सौ शैय्या अस्पताल को कोविड सेंटर बनाया गया, लेकिन जब संक्रमितों की संख्या में इजाफा हुआ तो कृषि महाविद्यालय को भी कोविड सेंटर बना दिया गया है और 50 बेड पर आक्सीजन प्वाइंट लगाकर इलाज शुरू किया गया। सौ शैय्या अस्पताल में वेंटिलेटर की भी व्यवस्था थी, जिससे गंभीर संक्रमितों का इलाज हो सके, लेकिन वेंटिलेटर शोपीस बनकर ही रह गए थे। इनके संचालन की न तो किसी चिकित्सक को जानकारी थी और न ही किसी स्वास्थ्य कर्मी को। वहीं संक्रमित की हालत अधिक बिगड़ने पर उन्हें कोविड सेंटर एल थ्री रेफर किया जा रहा था। तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है। कोविड सेंटर में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को चिन्हित कर लिया गया है। इसके बाद कोविड सेंटर में लगे वेंटिलेटर के अलावा अन्य आधुनिक मशीनों व उपकरणों के संचालन का उन्हें प्रशिक्षण दे दिया गया है। इसके साथ ही संक्रमितों के इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाओं के भी टिप्स दिए गए हैं, जिससे संक्रमितों के इलाज में कोई दिक्कत न हो। 17 संक्रमितों ने तोड़ा था दम

सौ शैय्या अस्पताल में बने कोविड सेंटर में 483 संक्रमितों को भर्ती किया गया था, जिसमें 466 संक्रमित स्वस्थ होकर घर गए थे और 17 संक्रमितों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। जिला अस्पताल भी बन गया था कोविड सेंटर : दूसरी लहर में जिला अस्पताल पहुंचने वाले अधिकतर मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, उनकी एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच भी निगेटिव आ रही थी, लेकिन जब इन मरीजों का सीटी स्कैन कराया गया तो चिकित्सक भी दंग रह गए थे। सभी के फेफड़ों में इंफेक्शन फैल चुका था, जिस कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी। बोले जिम्मेदार : कोरोना की दूसरी लहर में जो खामियां मिली थीं, उन्हें दूर किया जा रहा है। तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी कर रहा है।

डा. सूर्यमणि त्रिपाठी, सीएमओ


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