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हरदोई के डॉ. विष्णु रूस में बने सफल वैज्ञानिक

कृषि वैज्ञानिक डॉ. विष्णु राजपूत ने रूस में अनाज की गुणवत्ता में सुधार किया मल्लावां के तेरवाकुल्ली के गुलाबपुरवा के हैं रहने वाले मिल चुके हैं कई पुरस्कार

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 12:04 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 05:02 AM (IST)
हरदोई के डॉ. विष्णु रूस में बने सफल वैज्ञानिक
हरदोई के डॉ. विष्णु रूस में बने सफल वैज्ञानिक

अंबर वर्मा, हरदोई : हरदोई के गांव में जन्मा और गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हुए बड़ा हुआ। अब रूस में भारत का नाम रोशन कर रहा है। मिट्टी पर शोध कर वह रूस के टॉप -10 वैज्ञानिकों में शामिल किए गए हैं। मल्लावां के तेरवाकुल्ली के गुलाबपुरवा के रहने वाले के युवा कृषि वैज्ञानिक ने रूस के दक्षिणी संघीय विश्वविद्यालय में 2015 में शोध कार्य शुरू किया। रूस में 42 उच्च गुणवत्ता के लेख प्रकाशित किए, जो अंतरराष्ट्रीय डेटाबेस स्कोपस और वेब ऑफ साइंस में अनुक्रमित हैं। स्कोपस के अनुसार विश्वविद्यालय में कार्यरत पांच हजार में से टॉप-10 में वह सबसे सफल वैज्ञानिकों में से एक बन गए हैं। इस उपलब्धि के लिए वर्ष 2020 में रूसी सरकार की ओर से हाइली क्वालीफाइड स्पेशलिस्ट का प्रमाण पत्र भी दिया गया।

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तेरवाकुल्ली के गुलाबपुरवा में जन्मे डॉ. विष्णु राजपूत ने प्राइमरी की शिक्षा गांव में ही प्राप्त की। इसके बाद कन्नौज में इंटर तक पढ़े और फिर कानपुर चले गए। उनका सपना था कि कृषि के क्षेत्र में कार्य करें, इसलिए बीएससी कृषि से किया और फिर 2008 में कानपुर से एमएससी पूरा किया। उन्होंने बताया कि वह अपना रिसर्च आगे बढ़ाना चाहते थे तो वह हरियाणा के करनाल के केंद्रीय लवणता अनुसंधान संस्थान गए, जहां पर 2011 तक रिसर्च एसोसिएट के पद पर कार्य किया। इसके बाद वहां से चीन गए और वहां पर 2015 तक रिसर्च किया। इस दौरान उन्होंने कई शोध प्रकाशित किए। वहां से वह 2015 में रूस चले गए। वहां के दक्षिणी संघीय विश्वविद्यालय में शोध कार्य शुरू किया और मृदा सुधार के क्षेत्र में अतुलनीय परिणाम दिए। वर्ष 2019 के लिए डॉ. राजपूत को एकेडमी ऑफ बायोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी, साउदर्न ़फेडरल यूनिवर्सिटी रूस द्वारा शिक्षण व शोध में प्रशंसनीय कार्य के लिए प्रशस्तिपत्र भी दिया गया। वर्तमान में वह अग्रणीय शोधकर्ता के पद पर कार्यरत हैं। मृदा प्रदूषण पर की खोज : डॉ. विष्णु राजपूत के शोध की मुख्य दिशा पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी तरीकों और दृष्टिकोणों के साथ-साथ मिट्टी के प्रदूषण (मृदा प्रदूषण)की खोज है। जिसका सीधा संबंध खाद्य व कृषि उत्पादों की सुरक्षा से है। जो वर्तमान अनुसंधान और विकास गतिविधियां खाद्य और अनाज फसलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।

मिट्टी की गुणवत्ता पर निर्भर करती फसलें : मिट्टी की गुणवत्ता पर फसल उत्पादन निर्भर है। इसमें से भोजन का उत्पादन किया जाता है, जो सीधे तौर पर लोगों के जीवन और स्वास्थ्य से जुड़ा है। आजकल इन भारी धातुओं के नैनो कण जो भी अत्यधिक प्रयोग हो रहे हैं, बड़ी समस्या बनते चले जा रहे है। हालांकि इन कणों के उपयोग से मानव जीवन बहुत आसान हुआ है। इसलिए वह इनके सुरक्षित उपयोग की विधि पर कार्य कर रहे हैं।


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