प्राथमिक तक मातृ भाषा में शिक्षा मिलने से बच्चों को होगी आसानी
वेबिनार में नई शिक्षा नीति पर वक्ताओं ने रखे विचार समग्र विकास के लिए कक्षा 10 व 12 की परीक्षाओं में किए गए हैं बदलाव
हरदोई : माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षक और अभिभावकों के साथ वेबिनार में नई शिक्षा नीति पर विचार-विमर्श किया गया। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि कक्षा एक से पांच तक मातृ भाषा में शिक्षा देने से बच्चे उसे आसानी से समझ सकेंगे और उनके लिए शिक्षा प्राप्त करना आसान होगा।
जिला विद्यालय निरीक्षक वीके दुबे ने सोमवार को नई शिक्षा नीति पर वेबिनार का आयोजन किया। कार्यालय से गूगल मीट के माध्यम से विद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षक और अभिभावक शामिल हुए। नई शिक्षा नीति के विषय में डीआइओएस ने बताया कि वर्ष 1986 के बाद अब नई शिक्षा नीति लागू की गई है। जिसमें आज के परिवेश को देखते हुए बदलाव किए गए हैं। नई शिक्षा नीति में 10-2 के मॉडल के स्थान पर 5-3-3-4 प्रणाली को शुरू किया गया है। इसके तहत तीन से आठ वर्ष आयु के बच्चों को प्रथम तीन वर्ष में प्रारंभिक बाल्यावस्था, देखभाल और शिक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। छात्रों के समग्र विकास के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कक्षा 10 व 12 की परीक्षाओं में बदलाव किए गए हैं। शिक्षा में शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर दिया गया है। शिक्षक से प्रशिक्षित होने से और शिक्षा का स्तर और बेहतर होगा। कक्षा पांच तक मातृ भाषा में शिक्षण कार्य होने से बच्चों को आसानी से समझ में आएगा। डीआइओएस ने सभी प्रधानाचार्यो को निर्देशित किया कि 16 से बीस सितंबर के बीच सभी विद्यालयों में इसी प्रकार वेबिनार का आयोजन किया जाए और शिक्षकों और अभिभावकों को नई शिक्षा नीति के विषय में जानकारी दी जाए।