धन तेरस पर बाजार में खूब हुई धनवर्षा
धनतेरस पर बाजार में भीड़ बाजार में उमड़ी। सराफा व बर्तन की दुकानों पर सर्वाधिक भीड़ रही। बाजार में गणेश -लक्ष्मी की मूर्तियों के अलावा लोगों ने पूजन सामग्री खरीददारी की और बाजार में फास्ट फूड का भी लुफ्त उठाया। शुक्रवार को धनतेरस पर उम्मीद के मुताबिक ही जबर्दस्त खरीदारी हुई। न सिर्फ सोने-चांदी की ओर लोगों ने रुख किया बल्कि चौपहिया-दोपहिया वाहनों को खरीदने में भी कोई कंजूसी नहीं दिखाई। इस सबसे इतर बर्तनों की दुकानों पर भी लक्ष्मीजी ने कृपा बरसाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा सवा गुना अधिक व्यापार हुआ है। बाजार से जुड़े जानकारों की माने तो धनतेरस के दिन शहर में स्थित चौपहिया वाहनों की एजेंसियों से लगभग 330 वाहनों की बिक्री हुई है।
हरदोई : धनतेरस पर बाजार में भीड़ बाजार में उमड़ी। सराफा व बर्तन की दुकानों पर सर्वाधिक भीड़ रही। बाजार में गणेश -लक्ष्मी की मूर्तियों के अलावा लोगों ने पूजन सामग्री खरीददारी की और बाजार में फास्ट फूड का भी लुफ्त उठाया। शुक्रवार को धनतेरस पर उम्मीद के मुताबिक ही जबर्दस्त खरीदारी हुई। न सिर्फ सोने-चांदी की ओर लोगों ने रुख किया, बल्कि चौपहिया-दोपहिया वाहनों को खरीदने में भी कोई कंजूसी नहीं दिखाई। इस सबसे इतर बर्तनों की दुकानों पर भी लक्ष्मीजी ने कृपा बरसाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा सवा गुना अधिक व्यापार हुआ है। बाजार से जुड़े जानकारों की माने तो धनतेरस के दिन शहर में स्थित चौपहिया वाहनों की एजेंसियों से लगभग 330 वाहनों की बिक्री हुई है। इसी तरह दोपहिया वाहनों की बिक्री भी लगभग 1700 का आंकड़ा पार कर गई। तकरीबन 15 करोड़ रुपये दोपहिया वाहनों की खरीदारी में धनतेरस पर खर्च कर दिए गए। सबसे ज्यादा खरीदारी सोने-चांदी की हुई। अलग-अलग सराफा व्यवसाइयों से हुई बातचीत के आधार पर पता चलता है कि लगभग 58 करोड़ रुपये लोगों ने धनतेरस में सोने-चांदी की खरीद में खर्च किए। बर्तनों का कारोबार लगभग दो करोड़ रुपये का रहा तो इतना ही कारोबार ट्रैक्टर और पंपिग सेट खरीदने में भी हो गया। मिठाई, चाट-टिक्की-बताशा, सूखे मेवे का कारोबार भी लगभग दो करोड़ रुपये जा पहुंचा। इससे इतर गारमेंट्स और जूते-चप्पलों की खरीदारी पर भी खूब धन खर्च किया गया।
पूजन सामग्री की हुई बिक्री : दीपावली के लिए पूजन सामग्री खरीदने के लिए महिलाओं की भीड़ नजर आई। महिलाओं ने पूजन सामग्री के अलावा सजावट का सामान भी खरीदा। इसके अलावा लावा, चूरा व शकर के खिलौनों की दुकानों पर खरीददारी हुई।
मिट्टी के दिए व गणेश लक्ष्मी की हुई बिक्री : बाजार में चाइना के बहिष्कार का असर नजर आया। लोगों ने मिट्टी के दिए व गणेश लक्ष्मी की खरीद की। इस वर्ष आशा के अनुरूप मिट्टी के दिए व गणेश लक्ष्मी की बिक्री हुई। अधिकांश लोगों ने स्थानीय स्तर पर निर्मित गणेश लक्ष्मी ही खरीदे। इसके अलावा मोमबत्ती की भी बिक्री हुई।
फास्ट फ्रूड की दुकानों पर उमड़ी भीड़ : बाजार में फास्ट फ्रूड की दुकानें सजी हुई थी। चाट बताशों की दुकानों पर तो भीड़ का आलम यह था कि लोगों को घंटो इंतजार करना पड़ा। फास्ट फूड की दुकानों पर साउथ इंडियन व्यंजनों की मांग रही। देर रात तक चाट बताशे की दुकानें आबाद रहीं।
चांदी के गणेश लक्ष्मी भी खूब बिके : धनतेरस पर चांदी के गणेश लक्ष्मी की बिक्री भी खूब हुई। लोगों ने पूजा के लिए चांदी के गणेश लक्ष्मी खरीदे । अपेक्षाकृत सिक्कों की भी जमकर बिक्री हुई। खूब सजा बाजार : बाजार में धनतेरस की खूब सजावट हुई। दुकानदारों में सजावट की होड़ सी रही। विशेष कर सराफा की दुकानों में तो सजावट इतनी अधिक थी लोग केवल सजावट देखने के लिए भी बाजार में गए। लगभग हर दुकान, मकान पर सजावट की गई थी। मुख्य मार्ग के दोनों ओर लाइट की सजावट इतनी अधिक थी कि चारों ओर जगमगाहट से बाजार रोशन हो रहा था। भगवान धन्वंतरि किया गया पूजन : भगवान धन्वंतरि जयंती पर वैद्य,आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने पूजन किया। बैद्यनाथ प्रतिष्ठान पर आयोजित कार्यक्रम में आयुर्वेद के महत्व पर प्रकाश डाला गया। वहां पर बताया गया कि वर्तमान में बुखार, डेंगू, चिकनगुनिया जैसे रोगों को पूर्ण इलाज आयुर्वेद में ही संभव है। गोपाल डिडवानिया आदि मौजूद रहे।