चुनावी चौपाल : गिला एक से नहीं है, हर किसी ने अर्जुनपुर पुल टाला...
अर्जुनपुर पुल को लेकर हरपालपुर के आरके गेस्ट हाउस में चुनावी चौपाल लगी तो विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का पुल को लेकर गुस्सा सामने आया उनका यही कहना है कि गिला एक से नहीं हर किसी ने टाला...
हरदोई, जेएनएन। कटियारी क्षेत्र की हरदोई में अपनी खास पहचान है। आजादी की लड़ाई में खास योगदान रहा तो सीमा पर दुश्मनों से मोर्चा संभालते हुए कटियारी के कई लाल शहीद हुए। कटियारी क्षेत्र के लोग हर मामले में आगे बढ़े। राजनीति से लेकर प्रशासनिक समाज सेवा सभी क्षेत्रों में योगदान रहा। अब यह अलग बात है कि आजादी के बाद से यह क्षेत्र जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का शिकार रहा। बाढ़ से मुक्ति, खराब सड़के विकास की राह देख रही हैं।
देश दुनिया बदल चुकी है लेकिन अभी भी यह क्षेत्र विकास में पीछे है। वैसे तो कटियारी क्षेत्र में उच्च शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत हैं, लेकिन इस क्षेत्र की सबसे बड़ा मुद्दा अर्जुनपुर पुल है। 1975 से पुल की मांग चली आ रही है। आश्वासन तो बहुत मिले पर पुल का निर्माण नहीं हो सका।
अर्जुनपुर पुल कटियारी के विकास में रोड़ा है, पुल बन जाए तो विकास हम लोग खुद कर लेंगे। चुनावों में पुल को लेकर सियासत होती गई और केवल आश्वासन ही मिले। पांच साल नहीं कई दशक से ऐसा ही होता रहा। चौपाल में मौजूद विभिन्न क्षेत्रों के बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों का यही कहना था। पूर्व प्रधानाचार्य रामप्रताप पांडेय के चेहरे पर पुल को लेकर आक्रोश साफ दिख रहा था। बोले 1975 में इतना बड़ा हादसा हो गया था। जिसमें कई की जान गई, उसके बाद से मांग चली आ रही है। अब किसके ऊपर आरोप लगाएं, हर पार्टी की सराकर बनी, किसी ने ध्यान नहीं दिया। उनकी बात खत्म होती, उससे पहले ही प्रमोद तिवारी बोल पड़े।
सपा सरकार में शिवपाल यादव घोषणा कर गए थे, अभी कुछ दिन पहले लोक निर्माण मंत्री ने भी घोषणा की थी, पर हुआ कुछ नहीं। मलौथा प्रधान प्रतिनिधि मुन्नालाल पांडेय बोल पड़े कि सभी कहते हैं कि विकास करा देंगे, लेकिन अगर पुल बन जाए तो फिर विकास का रास्ता अपने आप ही खुल जाएगा। अधिवक्ता आनंद मिश्रा बोल पड़े कि हरदोई और फर्रुखाबाद की सीमा में बसे करीब 200 गांवों के लोग पुल से प्रभावित हैं, लेकिन आश्वासन से अलावा कुछ नहीं मिला।
व्यापारी पप्पू त्रिवेदी बीच में ही बोले, कि ऐसा कोई नेता नहीं जिसके सामने पुल की समस्या न रखी गई हो। लोक गायक अरविंद मिश्रा गुस्से में खड़े हो गए,. बोले दो दो सांसदों ने पुल की धनराशि तक जारी हो जाने की बात कही थी लेकिन वह भी हवा में ही रहा। इंजीनियर एसबी मिश्रा गुस्से में बोले कि ऐसी कौन सरकार नहीं है जिसके सामने पुल की समस्या न रखी गई हो लेकिन सब टरकाते रहे। चुनाव के आसपास ध्यान आता है पर भूल जाते।
गेस्ट हाउस मालिक समाजसेवी अमित पांडेय बीच में बोले पुल बन जाए तो दो जिलों के लोग आपस में मिल जाएं। अभी तक उन्हें चक्कर लगाने पड़ते हैं। हालांकि आशीष पांडेय ने लोगों को समझाया कि पुल कुछ ही दिन में बन जाएगा लेकिन उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं था। चौपाल में राजेश तिवारी, हरपालपुर प्रधान संजय मिश्र, मिघौली प्रधान हरीशंकर मिश्र, पूर्व स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी मेवाराम यादव, डा. अशोक दीक्षित, भरत प्रसाद वर्मा, रामबाबू, कुलदीप, अंकित, धीरज तिवारी, मेवाराम समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। सभी की बस एक ही मांग कि सांसद जो भी बने, अर्जुनपुर पुल का निर्माण कराए, अब बहुत हो गया, जनता का धैर्य धीरे धीरे टूट रहा है।