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गोदाम प्रभारी, आढ़ती समेत चार के विरुद्ध एफआइआर

शाहाबाद के उधरनपुर में आढ़त पर पकड़े गए पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के गेहूं के मामले में डीएम पुलकित खरे के निर्देश पर आपूर्ति विभाग ने पाली के गोदाम प्रभारी आढ़ती समेत चार के विरुद्ध पुलिस में एफआइआर दर्ज कराई है। उधरनपुर में राममोहन गुप्ता की आढ़त पर पकड़े गए पीडीएस की 639 बोरी गेहूं एफसीआइ हरदोई से पाली गोदाम के लिए निकला था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 09:19 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 09:19 PM (IST)
गोदाम प्रभारी, आढ़ती समेत चार के विरुद्ध एफआइआर
गोदाम प्रभारी, आढ़ती समेत चार के विरुद्ध एफआइआर

हरदोई: शाहाबाद के उधरनपुर में आढ़त पर पकड़े गए पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के गेहूं के मामले में डीएम पुलकित खरे के निर्देश पर आपूर्ति विभाग ने पाली के गोदाम प्रभारी, आढ़ती समेत चार के विरुद्ध पुलिस में एफआइआर दर्ज कराई है। उधरनपुर में राममोहन गुप्ता की आढ़त पर पकड़े गए पीडीएस की 639 बोरी गेहूं एफसीआइ हरदोई से पाली गोदाम के लिए निकला था। डीएसओ संजय पांडेय ने बताया कि जांच-पड़ताल पूरी होने के बाद शाहाबाद के पूर्ति निरीक्षक ने पाली के गोदाम प्रभारी दीप चंद्र मिश्रा, उधरनपुर के आढ़ती राममोहन गुप्ता, खाद्यान्न लदे पकड़े गए ट्रक के मालिक एवं चालक के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3-7 और आइपीसी की धाराओं में एफआइआर दर्ज कराई है। उधरनपुर में पकड़े गए गेहूं के मामले में सवायजपुर एसडीएम को पाली गोदाम की जांच में स्टॉक में 241 बोरी गेहूं, 232 बोरी चावल कम मिला था। वही गोदाम में मिली 9538 बोरी गेहूं, 7225 बोरी चावल को सील कर दिया गया है और पाली पुलिस की सुपुर्दगी में दिया गया है। वहीं पूर्ति निरीक्षक द्वारा दर्ज कराई गई एफआइआर के संबंध में शाहाबाद पुलिस का कहना है कि आढ़ती को 22 अक्टूबर को छापामारी के दौरान ही पकड़ लिया गया था। जो कि बीमारी के चलते लखनऊ में भर्ती हैं। पूरे मामले की गहराई से जांच की जाएगी और उसी के अनुसार कार्रवाई होगी। उचितदर विक्रेताओं के खाद्यान्न की कटौती में फंसे शाहाबाद गोदाम प्रभारी

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उधरनपुर की आढ़त में पकड़े गए पीडीएस के गेहूं के मामले में शाहाबाद के गोदाम प्रभारी का कारानामा भी सार्वजनिक हो गया है। उचितदर विक्रेताओं को आवंटन से कम खाद्यान्न देने के मामले में डीएम पुलकित खरे के आदेश पर पूर्ति निरीक्षक ने एफआइआर दर्ज करा दी है। डीएसओ संजय पांडेय ने बताया कि उधरनपुर में राममोहन गुप्ता की आढ़त पर पकड़े गए गेहूं की जांच में शाहाबाद एसडीएम एपी श्रीवास्तव ने राजस्व टीम के साथ शाहाबाद गोदाम की जांच की। जांच में गोदाम प्रभारी भारत भूषण सिंह की ओर से 22 अक्टूबर को 35 उचितदर विक्रेताओं को वितरण दर्शाया गया था। 23 अक्टूबर को गोदाम में कुल 9726 बोरी गेहूं एवं 6004 बोरी चावल स्टॉक रजिस्टर के अनुसार होनी चाहिए थी। भौतिक सत्यापन में गोदाम में 4 बोरी गेहूं कम और चावल की 758 बोरी अधिक पाई गई। स्टॉक से अधिक चावल पाए जाने से पुष्टि हुई कि गोदाम प्रभारी भारत भूषण सिंह द्वारा उचितदर विक्रेताओं को आवंटन के सापेक्ष कालाबाजारी के लिए खाद्यान्न में घटतौली कर अवैध रूप से बचत की जा रही है।

एसडीएम ने रिपोर्ट में कहा कि उचितदर विक्रेताओं के आवंटन से घटतौली कर कालाबाजारी के लिए बचत किए जाने वाले खाद्यान्न से स्पष्ट है कि गोदाम प्रभारी भारत भूषण सिंह जिम्मेदार हैं। डीएसओ ने बताया कि डीएम के आदेश पर पूर्ति निरीक्षक ने शाहाबाद कोतवाली में गोदाम प्रभारी के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करा दी है।

जुगाड़ से अक्टूबर में फिर पहुंचे थे गोदाम प्रभारी : उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम की शाहाबाद गोदाम पर भारत भूषण सिंह राजनीतिक जुगाड़ से अक्टूबर में दोबारा तैनाती पाए थे।

मंडी अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध

शाहाबाद: शाहाबाद के ग्राम उधरनपुर में पकड़े गए खाद्यान्न के मामले में कृषि उत्पादन मंडी समिति के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हुए हैं। लोगों का कहना है कि जिस तरह से पकड़े गए ट्रक और ट्रैक्टर ट्राली के गेट पास पकड़े जाने के बाद काट दिए गए उससे कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न लगता है। क्योंकि रात में बिना मंडी अधिकारियों की सहमत से गेट पास जारी नहीं किए गए होंगे। हालांकि प्रभारी मंडी सचिव राम जी चौधरी का कहना है धोखा देकर जय दुर्गा ट्रेडिग कंपनी राम मोहन गुप्ता के मुनीम द्वारा गेट पास जारी करवाए गए हैं। जिन पर 2 लाख का जुर्माना वसूला गया है, प्रश्न यह उठता है जब शासनादेश है की मंडी समित से 7 किलोमीटर की दूरी में कोई भी गल्ले की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकता है तो फिर नगर से 3 किलोमीटर दूर राम मोहन गुप्ता द्वारा कई दशक से गल्ले की खरीद-फरोख्त कैसे की जा रही थी इस संबंध में प्रभारी मंडी सचिव का कहना है कि उनका लाइसेंस काफी पुराना है इसलिए उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई वैसे सत्यता तो यह है की मंडी कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से काफी समय से खेल चल रहा था।


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