पूर्व बीएसए के खिलाफ डीएम ने अपर सचिव को लिखा पत्र
पाली थाना क्षेत्र के कटरा-बिल्हौसीएचसी में उपचार करके जिला के लिए रेफर किया गया।
हरदोई: परिषदीय विद्यालयों में स्थानांतरण में खेल और गुणवत्ताहीन ड्रेस की पोल खुल गई है। जिला विकास अधिकारी की जांच में हकीकत सामने आई है। शिकायत तो पूर्व बीएसए की थी और जांच में मिली गड़बड़ी की जिलाधिकारी ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को कार्रवाई के लिए लिखा है। खेल की पोल खुलने के बाद अब कार्रवाई की गाज गिर सकती है। वहीं देखा जाए तो गत वर्ष ही नहीं चालू शैक्षिक सत्र में ही ड्रेस मानकों की धज्जियां उड़ाई गईं हैं और जांच में वह भी मिला है।
विद्यालयों में निलंबन के बाद बहाली कर स्थानांतरण और ड्रेस में घालमेल आदि के गंभीर आरोप लगाते हुए भारतीय कृषक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरोज दीक्षित ने पूर्व बीएसए मसीहुज्जमा सिद्दीकी की शिकायत की थी। जिलाधिकारी के आदेश पर अपर जिला मजिस्ट्रेट ने जिला विकास अधिकारी राजितराम मिश्र को जांच सौंपी थी। करीब छह माह जांच चली और आखिरकार खेल पकड़ में आ गया। जिला विकास अधिकारी की जांच आख्या के अनुसार नौ शिक्षक शिक्षिकाओं पर कार्रवाई दिखाते हुए प्रशासनिक स्तर विद्यालयों को बंद बताते हुए उनका स्थानांतरण कर दिया गया। आरोप है कि जिन विद्यालयों को बंद दिखाया गया वह बंद नहीं थे। सुरसा विकास खंड के विद्यालयों में ड्रेस वितरण की जांच हुई तो गुणवत्ताहीन ड्रेस मिली। शर्ट-पैंट फटे थे, बटन भी टूट चुके थे। सबसे खास बात यह कि ड्रेस विद्यालय प्रबंध समितियों के माध्यम से न खरीद कर निजी फर्म से खरीदी गईं। जिसमें मानकों का कोई पालन नहीं किया गया। जांच में पता चला कि अप्रत्यक्ष रूप से खंड शिक्षा अधिकारी के कहने पर ड्रेस खरीदी गई। शिकायत में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय सांडी की पार्ट टाइम टीचर वंदना का भी मामला उठा है। जिला विकास अधिकारी द्वारा 17 जनवरी को प्रेषित जांच आख्या को जिलाधिकारी पुलकित खरे ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन को लिखा है। पूर्व बीएसए रायबरेली जिले में वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर तैनात बताए गए हैं।