बेटे के नाम पर आयुष्मान होगी बहू
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हरदोई: अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरों को ही शादी का प्रमाण मानने वाले परिवार की बहू को आयुष्मान बनने के लिए अब परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। अब बेटे के नाम पर ही वह भी आयुष्मान हो जाएंगी। पूर्व में विवाह का पंजीकरण जरूरी था, लेकिन अब प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में नवविवाहित बहू या फिर घर में हुई संतान का परिवार के राशन कार्ड के आधार पर ही गोल्डन कार्ड जारी हो जाएगा।
प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का सामाजिक, आर्थिक व जातिगत जनगणना 2011 के आधार पर ही लाभ मिलता है। उसी के आधार पर परिवारों के गोल्डन कार्ड जारी हुए हैं। जिसमें दो लाख 85 हजार 890 परिवार शामिल हैं। परिवार में शामिल हर व्यक्ति को गोल्डन कार्ड जारी किया गया है, लेकिन 2011 में हुई जनगणना में काफी संख्या में पात्र भी छूट गए थे। ऐसे व्यक्तियों को शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सर्वे कराया गया था और इसमें 16 हजार 350 परिवार और जुड़ गए थे, लेकिन सर्वे के बाद घर में आई बहू या जन्म लेने वाली संतान का नाम योजना में शामिल कराना टेढ़ी खीर थी। व्यवस्था के अनुसार विवाह का पंजीकरण या फिर संतान का जन्म प्रमाण पत्र से ही योजना में नाम शामिल हो पाता था। अधिकांश परिवार विवाह का पंजीकरण कराते नहीं हैं और उन्हीं के लिए परेशानी का सबब था, जोकि अब दूर हो गया है। परिवार के राशन कार्ड में शामिल व्यक्ति की शादी या फिर संतान होने पर राशन कार्ड से ही नाम जुड़ जाएगा। --परिवार के नए व्यक्ति का नाम शामिल करने में पहले काफी परेशानी होती थी। विवाह का पंजीकरण या जन्म प्रमाण पत्र न होने से लोगों के नाम शामिल ही नहीं हो पाते थे। उसी परेशानी को देखते हुए अब राशन कार्ड को भी मान लिया गया है। जिसकी शादी हुई है उसका राशन कार्ड में नाम होगा तो उसकी पत्नी का उसी के आधार पर नाम शामिल कर गोल्डन कार्ड जारी कर दिया जाएगा। जिला महिला अस्पताल में रोजाना काफी संख्या में नाम शामिल भी हो रहे हैं।--
---विवेक कुमार, जिला समन्वयक