122 आंगनबाड़ी केंद्रों को नहीं मिल पाए भवन
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हरदोई : ग्राम पंचायतों एवं आरइडी (ग्रामीण अभियंत्रण विभाग) के जिम्मेदारों की ढिलाई से अभी तक 122 आंगनबाड़ी केंद्रों को अपने भवन नहीं मिल पाए हैं। वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक स्वीकृत भवनों में इतनी बड़ी संख्या में भवनों का निर्माण अब तक पूर्ण न हो पाने से केंद्रों का संचालन या तो विद्यालयों में हो रहा है या फिर किराए के भवनों में कराना पड़ रहा है।
ग्राम्य विकास, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार एवं पंचायतीराज विभाग की मद से जिले में वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक करीब 365 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भवन को स्वीकृति दी गई। भवनों की स्वीकृति के साथ विभागों ने आनुपातिक तौर पर धनराशि का आवंटन भी किया। जबकि जहां पर ग्राम पंचायतों को ही निर्माण की जिम्मेदारी थी, वहां पर धनावंटन की औपचारिकता एवं प्रक्रिया की आवश्यकता ही नहीं पड़ी। एक भवन निर्माण के लिए मनरेगा की मद से 4.62 लाख, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से 2.00 लाख रुपये और पंचायतीराज विभाग की ओर से 1.06 लाख रुपये का अंश निर्धारित है।
बताया गया कि ग्राम पंचायत स्तर से जहां पर कार्य होना है, उसमें 42 भवन अपूर्ण हैं। सुरसा में 10, अहिरोरी में 8, कोथावां में 7, मल्लावां में 4, टड़ियावां एवं बावन में 3-3, बिलग्राम, हरियावां, सांडी एवं टोडरपुर में 1-1 भवन अपूर्ण है। जबकि आरइडी के स्तर पर 80 भवन अपूर्ण प्रदर्शित हो रहें हैं। अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक सीडीओ आनंद कुमार का कहना है कि ग्राम पंचायत स्तर पर अपूर्ण भवनों को जल्द पूर्ण कराने के लिए संबंधित बीडीओ और आरइडी के अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया गया है।
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