किशोर ने रची अपहरण की कहानी, जंगल में मिला
थाना क्षेत्र के जल्लामऊ में शनिवार सुबह नाटकीय ढंग से एक किशोर लापता हो गया।
सुरसा: थाना क्षेत्र के जल्लामऊ में शनिवार सुबह नाटकीय ढंग से एक किशोर लापता हो गया। काफी तलाश के बाद भी कुछ पता न चलने पर परिजनों ने अपहरण की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचना दी। पुलिस तलाश कर ही रही थी कि गांव से करीब एक किलोमीटर दूर जंगल के पास सड़क के किनारे वह खड़ा मिला। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो बताया कि क्राइम नेटवर्क देखकर खुद ही उसने अपने अपहरण का नाटक रचा।
जल्लामऊ निवासी लक्ष्मीकांत गुप्ता का बघौली-सांडी मार्ग पर कारखाना और सीमेंट की दुकान है। उनका पुत्र निखिल पड़ोस के ही गांव स्थित विद्यालय में कक्षा छह में पढ़ता है। परिजनों ने बताया कि शनिवार सुबह करीब चार बजे निखिल घर से निकला और फिर लौटकर नहीं आया। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर तलाश की। सीओ सिटी विजय कुमार राना भी मौके पर पहुंचे, चारों तरफ उसकी तलाश होती रही लेकिन कुछ पता नहीं चला। दोपहर बाद वह खुद करीब एक किलोमीटर दूर सड़क के किनारे खड़ा मिला। उसके हाथ पीछे बंधे थे। उधर से निकले बाइक सवार की नजर पड़ी तो उसे लेकर वह गांव आए। जहां निखिल ने अपना अपहरण होने की बात बताई। उसका कहना था कि चार लोग आए और उसका मुंह बांधकर हाथ पीछे बांध दिए और कहा कि बोले तो मारेंगे। वह लोग उसे ले जा रहे थे, लेकिन अचानक जंगल में छोड़कर भाग गए। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो मामला कुछ और निकला। सीओ सिटी ने बताया कि निखिल ने अपने अपहरण का नाटक रचा था। निखिल ने बताया कि वह सुबह घर से निकला था लेकिन फिर देर हो गई तो सोचा कि घर में डांट पड़ेगी और इसी लिए उसने नाटक रचा। वह क्राइम नेटवर्क देखता था और उसी से उसने ऐसा किया।
24 वर्ष पूर्व परिवार के दो लोगों का हुआ था अपहरण: लक्ष्मीकांत के पुत्र के अपहरण की खबर से हड़कंप मच गया, हालांकि उसके मिल जाने से सभी ने राहत की सांस ली। लक्ष्मीकांत का कहना है कि 24 वर्ष पहले उसके दो भतीजे गुड्डू और रिषि का अपहरण हो गया था। जिसमें तीन लाख फिरौती मांगी गई थी, काफी दिन बाद दोनों मिले थे।