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हरदोई के एक गांव में ऐसा विचित्र बुखार जिसमें चौबीस घंटे में 10 लोगों की मौत

हरदोई के एक गांव में ऐसी विचित्र बीमारी फैली जिसने एक ही रात में दस लोगों को मौत की नींद सुला दिया लेकिन स्वास्थ्य महकमा चैन की नींद में सोता रहा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 05:58 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 07:49 AM (IST)
हरदोई के एक गांव में ऐसा विचित्र बुखार जिसमें चौबीस घंटे में 10 लोगों की मौत
हरदोई के एक गांव में ऐसा विचित्र बुखार जिसमें चौबीस घंटे में 10 लोगों की मौत

हरदोई (जेएनएन)। हरदोई के एक गांव में ऐसी विचित्र बीमारी फैली जिसने चौबीस घंटे में दस लोगों को मौत की नींद सुला दिया। छह लोगों की मौत के साथ ही आसपास के गांव में भी चार लोग बीमारी के शिकार हो गए। विकास खंड की ग्राम पंचायत भटौली में पिछले कुछ दिनों से बुखार का प्रकोप है। 50 से अधिक ग्रामीण बुखार उल्टी और दस्त से पीडि़त हैं और लोगों की सेहत के जिम्मेदार लोग चैन की नींद में रहे। अचानक दस 10 लोगों की मौत से क्षेत्र में हड़कंप मचा और स्वास्थ्य टीम ने बुधवार रात में गांव पहुंचकर बीमार ग्रामीणों का उपचार शुरू किया।

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  • मां को दो दिन पूर्व तेज बुखार आया। एक निजी चिकित्सक से उपचार कराया लेकिन बुधवार को उनकी मौत हो गई।-भगाना का बेटा रामखेलावन
  • -मां को पहले दस्त आना शुरू हुए। इसके बाद उनको बालामऊ के अस्पताल पहुंचे जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।-जैतुन का बेटा शराफत
  • -भटौली गांव में एक के बाद एक मौत के शिकंजे में आए सभी लोगों को पहले तेज बुखार आया और उसके बाद उनकी मौत हो गई।- गांव वाले

किसी को आया तेज बुखार तो किसी को आने लगे दस्त

भटौली में ग्रामीण बुखार और दस्त से पीडि़त थे जोकि किसी तरह उपचार कराते रहे लेकिन बुधवार को बीमारी ने कहर ही ढा दिया। गांव की भगाना (50) पत्नी रामकेसन, जैतुन (60) पत्नी जलालू, रामप्यारी जाल (88) पत्नी बसंत, मुन्नी  (68) पत्नी श्रीराम, हीरा लाल (50) पुत्र गंगू,  शिवकली (55) पत्नी छेदी की बुधवार की सुबह से रात तक मौत हो गई। बुखार से मौतों में पड़ोसी गांव कंजीखेड़ा निवासी हीरालाल ( 50), छत्ताखेड़ा निवासी शिवकली, शाहपुर चमरहा निवासी रोहित ( 15) और अलादादपुर नेवादा निवासी राजकुमार की मौत हो गई। एक साथ क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में मौत से खलबली मच गई। बुधवार रात बेंहदर अस्पताल से चिकित्सकों की टीम ने उपचार किया। नायब तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल ने जानकारी ली। 

पहले सचेत हो जाता स्वास्थ्य महकमा तो नहीं जाती जानें

मौसम के बदलने से संक्रामक बीमारियां फैलने लगती हैं। संक्रामक बीमारियों की चपेट में जिले के विभिन्न क्षेत्र आते हैं। जिन पर स्वास्थ्य महकमे को विशेष ध्यान रखना चाहिए, लेकिन स्वास्थ्य महकमा इस ओर ध्यान नहीं देता है। जिस कारण ग्रामीण बीमारी की चपेट में आ जाते हैं और जब बीमारियों से लोगों की मौतें होने लगती हैं उसके बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आता है। 


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