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सरकार से ऋण लेकर गन्ना किसानों को होगा 511 करोड़ का भुगतान

जनपद के गन्ना किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश सरकार से सॉफ्ट लेने में असमर्थ रहीं जनपद की दोनों चीनी मिलों को उम्मीद जगी है। वह केंद्र से चीनी पर लोन लेने की तैयारी कर रही हैं। मिल प्रबंधनों ने लोन के लिए दस्तावेज तैयार करने शुरू कर दिए हैं। जनपद की दोनों चीनी मिलों को लोन मिलेगा या नहीं अभी इस पर संशय बरकार है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 06:11 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 06:11 PM (IST)
सरकार से ऋण लेकर गन्ना किसानों को होगा 511 करोड़ का भुगतान
सरकार से ऋण लेकर गन्ना किसानों को होगा 511 करोड़ का भुगतान

जागरण संवाददाता, हापुड़ : जनपद के गन्ना किसानों को बकाया का भुगतान शीघ्र होने की उम्मीद जगी है। अब जनपद की दोनों चीनी मिलें सरकार से चीनी पर ऋण लेने की तैयारी कर रही हैं। मिल प्रबंधन ने ऋण लेने के लिए आवेदन करने की तैयारी शुरू कर दी हैं। जनपद की दोनों चीनी मिलों को सरकार ऋण देगी अथवा नहीं, इस पर संशय बरकार है।

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किसानों के गन्ना मूल्य के बकाया का भुगतान करने के लिए प्रदेश सरकार ने गत वर्ष चीनी मिलों को ऋण दिया था। उस समय जनपद की दोनों चीनी मिलों को ऋण नहीं मिल पाया था। ब्रजनाथपुर चीनी मिल अभी तक पिछले पेराई सत्र का भुगतान नहीं कर पाई है। सिभावली चीनी मिल ने भी हाल ही में पिछले पेराई सत्र का भुगतान किया है। चालू पेराई सत्र में से अभी एक रुपया भी किसानों के खाते में नहीं पहुंचा है। शासन के आदेश के अनुसार किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान 14 दिन में किया जाना चाहिए। अब चीनी मिलें केंद्र सरकार से एक वर्ष के लिए सात प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण लेकर किसानों का भुगतान कर सकती है।

जिला गन्ना अधिकारी ओ.पी. सिंह ने बताया कि ऋण लेने के लिए चीनी मिल प्रबंधन आवेदन करने के लिए आवश्यक तैयारी करने में जुटा है।

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--चीनी मिलों को ऋण मिलने की प्रक्रिया

चीनी मिलों ने पिछले तीन वर्ष के पेराई सत्र में जितनी चीनी बनाई थी, उसके 10.55 प्रतिशत हिस्से को ऋण दिए जाने का आधार माना जाएगा। शुरू में केवल एक पेराई सत्र की चीनी रिकवरी मांगी गई थी, लेकिन बाद में इसे तीन वर्ष कर दिया गया। इस आधार पर चीनी मिलों को 3100 रुपये प्रति क्विटल का ऋण दिया जा सकेगा। गत वर्ष इसलिए नहीं मिला था ऋण

गत वर्ष प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों को ऋण देने के लिए शर्त निर्धारित की थी कि जिन चीनी मिलों के खाते एनपीए हो चुके हैं या किसी चीनी मिल का प्रकरण एनसीएलटी में विचाराधीन हो, उन्हें ऋण नहीं दिया जाएगा। सिभावली चीनी मिल का मामला एनसीएलटी में विचाराधीन होने के कारण उसे ऋण नहीं मिला था। चीनी मिलों पर बकाये की स्थिति

चीनी मिल बकाया राशि

सिभावली 371.82 करोड़

ब्रजनाथपुर 139.66 करोड़

कुल 511.48 करोड़

नोट: ये आंकड़े गन्ना विभाग से लिए गए हैं। आंकड़े 26 मार्च तक खरीदे गए गन्ने के हैं।


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