कड़ी मेहनत करें, किताबी कीड़ा न बनें : राम नाईक
जागरण संवाददाता, हापुड़ : राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि छात्र-छात्राएं एक ही रथ के दो पहि
जागरण संवाददाता, हापुड़ : राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि छात्र-छात्राएं एक ही रथ के दो पहिए हैं। दोनों पहियों में एक जैसी शक्ति होनी चाहिए, तभी जीवन में एकरसता आती है। अमेरिका, चीन और इंडोनेशिया को छोड़कर बाकी सभी देश उत्तर प्रदेश की आबादी से छोटे हैं। वर्ष 2011 में हुई जनगणना में प्रदेश में एक हजार पुरुषों में साक्षरता की दर 79 प्रतिशत थी जबकि महिलाओं की साक्षरता 59 प्रतिशत है। हम सभी को मिलकर महिला और पुरुषों की साक्षारता को सौ फीसद तक ले जाना है।
राज्यपाल मंगलवार को हापुड़ के ब्रह्मादेवी बालिका विद्यालय में समर्थ भारत, सरस्वती शिशु वाटिका के भवन का शिलान्यास करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि देश के विकास में महिलाओं का विशेष स्थान है। पहले महिलाएं शिक्षिका और नर्स तक ही सीमित थीं। अब लड़कियां सभी क्षेत्रों में देखी जा सकती हैं। चाहे आइएएस हो या फिर आइपीएस, थल सेना, वायु सेना सभी जगह महिलाएं अपनी ताकत और कुशलता के आधार पर आगे बढ़ रही हैं। पहले लड़कियों को वायुसेना में लड़ाकू विमान नहीं उड़ाने दिया जाता था। आज इस क्षेत्र में भी लड़कियों ने महारथ हासिल की है।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल होने के नाते पूरे प्रदेश के कालेजों में जाता हूं। प्रदेश में 29 विश्व विद्यालय हैं। इसमें में 25 विश्व विद्यालय में जा चुका हूं। प्रदेश में 15,60,315 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई। इसमें छात्राओं की संख्या 7,97,646 है। प्रतिशत के हिसाब से लड़कियों की साक्षरता 51 प्रतिशत है। जबकि लड़कों के साक्षरता का प्रतिशत 40 है। जिस तरह से लड़कियों की साक्षरता का आंकड़ा बढ़ रहा है, लगता है कि अब लड़कों को आरक्षण की मांग करने की नौबत आ जाएगी। उन्होंने अपनी पढ़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि जब मै पुणे में पढ़ रहा था उस समय कक्षा में 150 छात्र थे और केवल चार लड़कियां ही शिक्षा ग्रहण कर रहीं थी। अब स्थिति बदल रही है। लड़कियां किसी भी तरह से लड़कों से कम नहीं हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सर्वशिक्षा अभियान की शुरुआत की थी। इससे शिक्षा का स्तर सुधरा और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया है। इससे भी साक्षरता की दर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ सरकार के ऊपर छोड़ा जाएगा, तो ज्यादा अच्छे परिणाम नहीं आएंगे। हम सभी को लेकर बेटी बचाने और उसे पढ़ाने पर काम करना होगा।
राज्यपाल ने बच्चों से कहा कि वह छात्र धर्म का पालन करें। इसके लिए कड़ी मेहनत से अध्ययन करना चाहिए। किताबी कीड़ा न बनें। स्वस्थ मन के साथ शरीर भी स्वस्थ होना चाहिए। जब इस तरह की परवरिश होगी तो देश के लिए हम उत्तम नागरिक बन सकते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि जब कभी असफलता मिले तो निराश नहीं होना चाहिए। ¨चतन करें कि कमी कहां रह गई। उसे दूर करें और फिर आगे तैयारी करें। सफलता जरूर मिलेगी। पढ़ाई के दौरान अपना लक्ष्य जरूर तय करें, निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी।