सशक्त होकर पुरुषों के लिए मिसाल बन रहीं महिलाएं
ओमपाल राणा, धौलाना: समाज पुरुष प्रधान होने के बावजूद महिलाएं सशक्त होकर मिसाल बन रही हैं
ओमपाल राणा, धौलाना:
समाज पुरुष प्रधान होने के बावजूद महिलाएं सशक्त होकर मिसाल बन रही हैं। क्षेत्र की कई महिला अधिकारी, कर्मचारी और प्रधान ऐसी हैं जिनके निर्णयों की क्षेत्र में चर्चा है। लोगों का कहना है कि विशेष निर्णय लेने के कारण उनका सम्मान किया जाना चाहिए।
हर वर्ष आठ मार्च को विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए उनकी आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक उपलब्धियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्सव मनाया जाता है। इस क्षेत्र में कार्यरत कुछ महिलाएं अपने विशेष कार्यों के चलते चर्चाओं में हैं।
उपजिलाधिकारी मीनू राणा अपने सख्त एवं निष्पक्ष निर्णयों और बेहतर कार्यशैली के लिए क्षेत्र में जानी जाती हैं। उनकी पहचान एक निर्भीक अधिकारी के रूप में है। क्षेत्र की छात्राएं उनमें अपना आदर्श देखती हैं।
तहसीलदार के पद पर तैनात रह चुकीं और वर्तमान में तहसीलदार न्यायिक के पद पर कार्यरत रेणुका दीक्षित की पहचान क्षेत्र में एक निष्पक्ष अधिकारी की है। उनके व्यवहार और कार्यशैली की क्षेत्र में बड़े आदर से चर्चा की जाती है। जब भी महिलाओं के सशक्त होने की चर्चा होती है तो उनका नाम अवश्य लिया जाता है।
इसके साथ ही क्षेत्र के दो बड़े गांव माने जाने वाले गालंद और सपनावत की प्रधान क्रमश: पूनम तोमर और सुनीता सिसौदिया हैं। वे भी अपने गांव के विकास के लिए किए जाने वाले निर्णयों को लेकर अक्सर चर्चा में रहती हैं। वहीं राणा शिक्षा शिविर इंटर कालेज में रसायन विज्ञान की प्रवक्ता संगीता छोंकर और एबीआरसी सीमा तोमर आदि भी अपनी बेहतर कार्यशैली के कारण चर्चा का विषय बनी रहती हैं। इन सब महिलाओं के अलावा हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही महिलाओं को देखें तो स्पष्ट प्रतीत होता है कि धीरे-धीरे ही सही लेकिन महिला सशक्तिकरण हो रहा है।