सांसद बनने का सपना, नहीं मिला मोहल्ले का भी वोट
नेता जी ने ख्वाब देखा था कि वह भी चुनाव रणभूमि में विजय प्राप्त कर संसद में पहुंचेंगे। लेकिन दोस्त रिश्तेदार पड़ोसियों आदि का वोट भी नहीं मिल पाया। मेरठ लोकसभा सीट पर हुए चुनावों में कई ऐसे प्रत्याशी रहे दो तीन और चार अंकों का आकंड़ा भी नहीं पार कर पाए। निर्दलीय प्रत्याशियों में जोरशोर से अपना नामांकन पत्र भरा था और जीत के लंबे चौड़े दावे किए थे लेकिन वोट
जागरण संवाददाता, हापुड़ : नेता जी ने ख्वाब देखा था कि वह भी चुनाव रणभूमि में विजय प्राप्त कर देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद में पहुंचेंगे। लेकिन मतों की गिनती हुई तो आंकड़ों को देखकर लगा कि दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसियों आदि का वोट भी नहीं मिल पाया। मेरठ लोकसभा सीट पर हुए चुनावों में कई ऐसे प्रत्याशी रहे दो तीन और चार अंकों का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाए। निर्दलीय प्रत्याशियों में जोरशोर से अपना नामांकन पत्र भरा था और जीत के लंबे-चौड़े दावे किए थे, लेकिन वोट नहीं मिलने के कारण संसद तक पहुंचने का उनका सपना पूरा नहीं हो सका। अब तक के लोकसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशियों की लंबी चौड़ी फौज रही है। वह विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों से अपने को पीछे मानने के लिए तैयार नहीं रहते थे। मतदान तक अपनी के जीत के लंबे चौड़े दावे करते थे, लेकिन मतगणना के बाद वह चुपचाप मतगणना स्थल से निकल जाते थे, क्योंकि मतदाताओं ने उनपर विश्वास नहीं किया और संसद तक पहुंचने का सपना उनका चकनाचूर हो जाता था। कई प्रत्याशी तो ऐसे भी रहे जो दो से तीन के अंक का आंकड़ा भी पार नहीं पाए। इस बार भी मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट से कई निर्दलीय प्रत्याशी अपना भाग्य अजमाने के लिए चुनाव मैदान में कूदे हैं। मेरठ लोकसभा सीट पर कम वोट पाने वाली निर्दलीय प्रत्याशी
वर्ष नाम प्राप्त वोट
1971 आनंद प्रकाश शर्मा 927
1977 हरि सिंह आजाद 2122
1980 प्रहलाद सिंह 710
1984 नरेंद्र कुमार 132
1989 ब्रिजेश्वर कुमार 224
1996 इरशाद अली 30
1998 राजेंद्र 111
1999 सतीश 79
2004 अमित कुमार 491
2009 सुनील कुमार 262
2014 अनिल 348