गन्ना समिति कार्यालय में बर्बाद हो रहा पानी
भले ही आज पानी के लिए हाहाकार मचा है। क्षेत्र का जल स्तर भी 50 फीट नीचे पहुंच गया है। तपिश धरती से लेकर इंसान, पशु और प¨रदों तक को प्यास से व्याकुल करने लगी है, मगर पानी की बर्बादी पर समाज रत्ती भर चेतने को राजी नहीं हैं।
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : भूगर्भीय जल के लगातार कम होने की चेतावनी दी जा रही है। पानी की बर्बादी रोकने को लगातार सरकार और भूगर्भशास्त्रियों द्वारा आह्वान किया जा रहा है। क्षेत्र का जल स्तर भी 50 फीट नीचे पहुंच गया है। इसके बावजूद ¨सभावली गन्ना समिति कार्यालय में लगातार पानी की बर्बादी की जा रही है।
बृहस्पतिवार को जब दैनिक जागरण संवाददाता ने क्षेत्र में पानी बर्बादी की स्थिति का जायजा लिया तो ¨सभावली गन्ना समिति कार्यालय पर पेयजल टंकी लगातार पानी बहता मिला। इस टंकी में लगी कुछ टोटियों को बंद नहीं करने के कारण उनसे पानी बह रहा था और कुछ टोंटियां टूट गई हैं। समिति के अधिकारी तो अपनी जिम्मेदारी की ओर आंखें मूंदे बैठे ही हैं, इस सुविधा का लाभ उठाने वालों और आस पास रहने वाले लोगों ने खुली टोटियों को बंद कर पानी की बर्बादी रोकने की आवश्यकता नहीं समझी। जल संरक्षण को लेकर अप्रैल और मई में जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन लापरवाही के कारण हो रही पानी की बर्बादी को रोकने का प्रयास कोई नहीं कर रहा है। कहीं टंकी से पानी बहता मिला तो कहीं शहर में लगे सार्वजनिक स्थलों पर लगे फ्रीज का बटन दबा छोड़ दिया जाता है। पानी बर्बादी रोकने के लिए कोई भी प्रयास नहीं कर रहा है। सार्वजनिक स्थलों पर आमतौर पर पानी की जमकर बर्बादी की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों ने पानी की टंकी तो लगा दी, लेकिन उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। टंकी से टोंटी गायब हो जाने के कारण पानी लगातार बहता रहता है। टंकी में टोंटी लगाने की कोई भी जहमत उठाने को तैयार नहीं है।