वायरल बुखार का हमला घर-घर बीमार पड़े मरीज
मौसम बदलने के साथ रोगों का हमला शुरू हो गया है। खासकर बच्चे वायरल फीवर की चपेट में आ गए हैं। सरकारी से लेकर निजी अस्पताल में बड़ी संख्या में रोगी पहुंच रहे हैं। वायरल के तेजी से पांव पसारने से लोगों के साथ चिकित्सक भी हैरान हैं। बरसात के मौसम में तापमान बढ़ने के बाद रोगों का हमला शुरू हो जाता है। इन दिनों वायरल फीवर के रोगियों की संख्या बढ़ी हुई
जागरण संवाददाता, हापुड़ : बदलते मौसम के साथ बीमारियों ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया है। इसकी चपेट में हर वर्ग के लोग आ रहे हैं। हालांकि ज्यादा कहर वायरल फीवर ने ढहाया है और बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं। सरकारी से लेकर निजी अस्पताल में बड़ी संख्या में रोगी पहुंच रहे हैं। वायरल के तेजी से पांव पसारने से लोगों के साथ चिकित्सक भी हैरान हैं। चिकित्सकों ने लोगों को बदलते मौसम में सतर्क रहने के साथ लापरवाही न बरतने की चेतावनी दे रहे हैं।
बरसात के मौसम में तापमान बढ़ने के बाद रोगों का हमला शुरू हो जाता है। इन दिनों वायरल फीवर के रोगियों की संख्या बढ़ी हुई है। बच्चों के साथ बड़े भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। चिकित्सकों का कहना हैं कि ओपीडी में साठ नए रोगी औसतन वायरल फीवर के आ रहे हैं। इस समय तापमान में उतार-चढ़ाव काफी है। इसके अलावा व्यक्ति में प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है, जिससे वह जल्द बीमारी की चपेट में आते हैं। वायरल फीवर में तेज बुखार आता है। इसके अलावा खसरे के भी छिटपुट रोगी आ रहे हैं, इसमें खास ध्यान देने की जरूरत होती है, अगर खसरा है तो बच्चे को विटामिन-ए देना चाहिए। बीमारी से कई बार आंखों पर प्रभाव पड़ने का खतरा रहता है। कई बार बच्चों को डायरिया भी हो जाता है। डेंगू, मलेरिया, चिकगुनिया से रहें सावधान
बदलते मौसम में वायरल फीवर के साथ-साथ, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियों के बढ़ने की संभावना रहती है। बीमारियों की शुरुअता बुखार से होती है इसीलिए इन दिनों बुखार को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। खानपान का विशेष रखें ख्याल
इन दिनों खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए। हरी सब्जी खाएं, पानी उबालकर पिएं क्योंकि इन दिनों सप्लाई के पानी में भी बारिश के पानी की मिलावट हो जाती है जो कि खतरनाक होती है। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि बारिश के दिनों में अपने घर के आस पास पानी जमा न होने दें। केवल उबला हुआ या सुरक्षित पानी पीएं क्योंकि इस मौसम में दस्त, पीलिया और टाइफाइड की अधिक संभावना रहती है। -वायरल फीवर के रोगियों की संख्या बढ़ी है। इसके अलावा बुखार में भी शरीर पर लाल निशान हो जाते हैं। सर्दी, खांसी, गला बंद होना और तेज बुखार की शिकायत को लेकर रोगी ओपीडी में आ रहे हैं।
-डा. विजय शर्मा, बाल रोग विशेषज्ञ