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ढाई करोड़ से वीआइपी घाट बनेगा

तीर्थ नगरी ब्रजघाट को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करने की मुख्यमंत्री की घोषणा रंग ला रही है। श्रद्धालुओं के लिए पक्के घाट बनने के बाद वीआईपी घाट के लिए प्रशासन ने जमीन चिन्हित कर ली है। गंगा पर बने रेल और सड़क पुल के बीच करीब ढाई करोड़ की लागत से वीआईपी घाट बनाया जाएगा। गेस्ट हाउस के निकट निर्माण सामग्री रखने की पीडब्ल्यूडी से अनुमति मिलने के

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 08:20 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 08:23 PM (IST)
ढाई करोड़ से वीआइपी घाट बनेगा
ढाई करोड़ से वीआइपी घाट बनेगा

जागरण संवाददाता, हापुड़:

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तीर्थ नगरी ब्रजघाट को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करने की मुख्यमंत्री की घोषणा रंग ला रही है। श्रद्धालुओं के लिए पक्के घाट बनने के बाद वीआइपी घाट के लिए प्रशासन ने जमीन चिन्हित कर ली है। गंगा पर बने रेल और सड़क पुल के बीच करीब ढाई करोड़ की लागत से वीआइपी घाट बनाया जाएगा। गेस्ट हाउस के निकट निर्माण सामग्री रखने की पीडब्ल्यूडी से अनुमति मिलने के बाद घाट का निर्माण कार्य शुरू होगा। इससे लाखों श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री बनने के बाद जुलाई 2017 में ब्रजघाट आए योगी आदित्यनाथ ने ब्रजघाट को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करने की घोषणा की थी। जिसके तहत 8.5 करोड़ रुपये की योजनाएं संचालित हैं। इसमें पक्के घाट, प्लेटफार्म, यात्रियों के बैठने के

लिए टीन शेड, हरियाली समेत अन्य सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा नमामि गंगे परियोजना के तहत ब्रजघाट में वीआइपी घाट और श्मशानघाट बनने हैं।

इसके लिए शासन से 2.5 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं। वीआइपी घाट और आधुनिक श्मशानघाट बनाने का ठेका कानपुर की कंपनी इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड को मिला है। कंपनी में सिविल के सीनियर इंजीनियर शशांक कौशिक ने बताया कि वीआइपी घाट के लिए जमीन चिन्हित नहीं हो पा रही थी। हाल ही में प्रशासन और नगर पालिका गढ़मुक्तेश्वर प्रशासन की सहमति के बाद जगह चिन्हित हुई है। वीआइपी घाट गंगा पर बने रेल पुल और सड़क पुल के बीच बनेगा। यह वीआइपी घाट लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस के पीछे खाली पड़ी जमीन पर बनेगा। उन्होंने बताया कि वीआइपी घाट पर व्यू डेस्क बनेगी। जहां से वीआइपी गंगा आरती और गंगा पूजन कर सकेंगे। यहां 12 महीने गंगा की धारा बहती मिलेगी। इसके अलावा घाट पर चें¨जग रूम, हैंड रे¨लग, सोलर लाइटें, डस्टबिन, पार्किग प्लेटफार्म, सुरक्षा के लिए साइनएज लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पूरे प्लेटफार्म पर लाल पत्थर लगाए जाएंगे। निर्माण सामग्री के लिए पीडब्ल्यूडी के अफसरों से अनुमति मांगी है। ताकि गेस्ट हाउस के रास्ते होकर ट्रक घाट स्थल पर पहुंच सकें।

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चार जनपदों में कंपनी बना चुकी है घाट

शशांक कौशिक ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना के तहत अब तक वह लोग शुक्रताल, बिजनौर बैराज, बुलंदशहर के रवानी कटीरी स्थित, नरौरार में गांधी घाट, संभल में धमलपुरा घाट, नरौरा में रामघाट के नाम से घाटों का निर्माण करा चुकी है।


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