भगवान राम और हनुमान का मिलन देखकर दर्शक हुए भाव-विभोर
श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में दिल्ली रोड पर स्थित रामलीला मैदान में मंगलवार को हनुमान मिलन, सुग्रीव मित्रता और बाली वध की लीला का मनोरम मचंन किया गया। हनुमान मिलन देखकर मैदान में उपस्थित दर्शक भाव-विभोर हो गए थे।
जागरण संवाददाता, हापुड़ : श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में दिल्ली रोड पर स्थित रामलीला मैदान में मंगलवार को हनुमान मिलन, सुग्रीव मित्रता और बाली वध की लीला का मनोरम मंचन किया गया। हनुमान मिलन देखकर मैदान में उपस्थित दर्शक भाव-विभोर हो गए थे।
शहर में रामलीला करने के लिए पधारी मथुरा वृंदावन की विश्व प्रसिद्ध श्री आदर्श रामलीला के डायरेक्टर और व्यास पवन देव चतुर्वेदी ने बताया कि मंचन में सोने के मृग मिलने पर भगवान राम और लक्ष्मण वापस पंचवटी पहुंचते हैं,जहां रावण के सीता हरण के बाद भगवान राम व्याकुल होकर सीता की खोज करते हुए शबरी की कुटिया पहुंच जाते हैं। शबरी उनको अपने जूठे बेर खिलाती है। कि¨ष्कधा पर्वत पर सुग्रीव बैठे होते हैं। दो राजकुमार को आता देखकर सुग्रीव उन्हें अपने भाई बाली के दूत समझता है और हनुमान को उनसे मिलने के लिए भेजता है। जब हनुमान प्रभु श्रीराम के पास जाते हैं तो उन्हें देखते ही समझ जाते हैं। इसके बाद प्रभु श्रीराम हनुमान को गले लगा लेते हैं। जिसके बाद हनुमान प्रभु श्रीराम को लेकर सुग्रीव के पास जाते है और दोनों की मित्रता कराते हैं। इसके बाद सुग्रीव अपने भाई बाली के बारे में जानकारी देता है। जहां प्रभु श्रीराम बाली का वध करने का आश्वासन देते हैं। इसके बाद सुग्रीव अपने भाई बाली को युद्ध करने के लिए ललकारता है, लेकिन दोनों की एक जैसी वेशभूषा होने के कारण प्रभु श्रीराम बाली को नहीं मार पाते। इसके बाद मारपीट के बाद सुग्रीव वापस प्रभु श्रीराम के पास आता है और इसके बाद प्रभु श्रीराम उसके गले में माला डालकर उसे युद्ध करने के लिए भेजते हैं। प्रभु श्रीराम के बाण से बाली का वध किया जाता है।