'ये समाजवादी पार्टी नहीं, नमाजवादी पार्टी है' डिप्टी सीएम केशव प्रसाद का अखिलेश पर हमला
मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ करने पर सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर बीजेपी नेताओं ने हमले तेज कर दिए हैं। इस कड़ी में हापुड़ आए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है।
हापुड़, जागरण संवाददाता। हल्की ठंड और गुनगुनी धूप के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर अभी से राजनीतिक गरमाहट तेज हो गई है। इसके तहत यूपी में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में राजनीतिक जंग जारी है। ताजा हमला यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की ओर से किया गया है। दरअसल, मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ करने पर सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर बीजेपी नेताओं ने हमले तेज कर दिए हैं। इस कड़ी में हापुड़ आए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश को देश से माफी मांगनी चाहिए। डिप्टी सीएम के अलावा सीएम योगी ने भी अखिलेश से माफी मांगने की मांग की है। योगी ने सरदार पटेल के साथ मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना को शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि ये समाजवादी पार्टी नहीं, बल्कि नमाजवादी पार्टी है। अखिलेश ने भारत रत्न सरदार पटेल की तुलना जिन्ना से कर हिंदुओं का अपमान किया है। उप मुख्यमंत्री ने यह बातें हापुड़ में संगठनात्मक सम्मेल में शामिल होने से पूर्व मीडिया को दिए बयान में कहीं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ करके समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव फंस गए हैं। इसको लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तीखी आलोचना हो रही है। खासतौर से भाजपा मुखर है।
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने एक वीडियो जारी कर कहा, 'सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लौह पुरुष की तुलना जिन्ना से की है। अखिलेश यादव को पहले इतिहास पढ़ लेना चाहिए। जिन्ना ने आजादी से पहले 16 अगस्त 1946 को एक कॉल दिया था। डायरेक्ट ऐक्शन। यह दिन जुमा का था, शुक्रवार का दिन था।'
गौरतलब है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को हरदोई की एक जनसभा में कहा था कि कि सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। उन्हें आजादी के लिए किसी भी तरीके से संघर्ष करना पड़ा होगा तो पीछे नहीं हटे।