मुरादाबाद-दिल्ली रेलमार्ग पर 110-115 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेंने
पिछले काफी समय से विलंब से चल रही ट्रेनों की गति में अब सुधार की योजना बनाई गई है। योजना के तहत मुरादाबाद-दिल्ली रेलमार्ग पर अब ट्रेनों को 110-115 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ाया जाएगा। इसके लिए रेलवे अधिकारियों ने हरी झंडी दे दी है। अभी तक इस रेलमार्ग पर 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ रही है। ऐसे में घंटों का सफर मिनटों में तय हो सकेगा।
गौरव शर्मा, हापुड़ : पिछले काफी समय से विलंब से चल रही ट्रेनों की गति में अब सुधार की योजना बनाई गई है। योजना के तहत मुरादाबाद-दिल्ली रेलमार्ग पर अब ट्रेनों को 110-115 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ाया जाएगा। इसके लिए रेलवे अधिकारियों ने हरी झंडी दे दी है। अभी तक इस रेलमार्ग पर 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ रही है। ऐसे में घंटों का सफर मिनटों में तय हो सकेगा। दिल्ली-मुरादाबाद रेलमार्ग पर प्रतिदिन सैकड़ों ट्रेनों का संचालन होता है। इन ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 75 किमी प्रति घंटा ही है। पिछले दिनों रेलवे अधिकारियों ने जर्जर रेलमार्ग को दुरुस्त करने का काम किया था। इसलिए ट्रेनों की रफ्तार भी कम कर दी गई थी। अब रेलवे अधिकारियों ने पटरियों को पूरी तरह से दुरुस्त कर दिया है। पिछले दिनों इस रेलमार्ग पर 110 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेनों को दौड़ाया गया। यह प्रयोग काफी सफल साबित हुआ था। रेलवे अधिकारियों की मानें तो रेलवे की ओर से प्रत्येक रेलमार्ग पर चलने वाली ट्रेनों की गति निर्धारित है, लेकिन निर्धारित गति से ट्रेनें नहीं दौड़ पा रही है। नई दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली लखनऊ मेल की गति 110 किमी प्रतिघंटा है। वर्तमान में यह ट्रेन 75 किमी प्रतिघंटे के हिसाब से दौड़ रही है। कुछ ही दिनों में दिल्ली-मुरादाबाद रेलमार्ग पर ट्रेनों की गति 110-115 किमी प्रतिघंटा हो जाएगी।
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डर के कारण चालक अधिक गति से नहीं चलाते ट्रेन
रेलवे अधिकारियों की मानें तो दुर्घटना होने पर इंजन की स्पीड मीटर की जांच की जाती है। अधिकतम गति से चलने वाली ट्रेन का स्पीडी मीटर 115 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने की रिपोर्ट देता है। इस रिपोर्ट के आधार पर रेल प्रशासन चालक की सेवा तक समाप्त कर देता है। सेवा समाप्त होने के डर से चालक 95 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनों को चलाते हैं।
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- अब तेज गति से ट्रेन चलाने पर नहीं मिलेगा दंड
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि बोर्ड के अधिकारियों ने चालकों को अधिकतम गति से ट्रेन चलाने का आदेश दिया है। जिस मार्ग पर 110 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति है, उस मार्ग पर स्पीडी मीटर द्वारा 15 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने पर कोई दंड नहीं दिया जाएगा। - क्या कहते हैं मंडल रेल प्रबंधक-
मंडल में पटरियों को बदलने का काम तकरीबन पूरा हो गया है। कुछ ही समय में दिल्ली-मुरादाबाद रेलमार्ग पर ट्रेनों की गति 110-115 किमी प्रतिघंटा कर दी जाएगी। इस नई व्यवस्था से ट्रेनों के देरी से चलने की समस्या से यात्रियों को निजात मिल सकेगी।
एके ¨सघल, मंडल रेल प्रबंधक।