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टूटे स्लीपर और बिना पैंड्राल क्लिप लगी पटरी पर दौड़ रहीं रेलगाड़ियां

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : रेल की पटरियां कमजोर हैं। पटरियों में जोड़ के बोल्ट खुल ग

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 03:00 AM (IST)
टूटे स्लीपर और बिना पैंड्राल क्लिप लगी पटरी पर दौड़ रहीं रेलगाड़ियां
टूटे स्लीपर और बिना पैंड्राल क्लिप लगी पटरी पर दौड़ रहीं रेलगाड़ियां

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : रेल की पटरियां कमजोर हैं। पटरियों में जोड़ के बोल्ट खुल गए हैं। इस क्षेत्र में रेल की पटरियों पर दौड़ रही रेलगाड़ियों में रेलयात्रियों का जीवन पूरी तरह से खतरे में है। लगातार हो रहे रेल हादसों के बाद भी रेलवे की नींद नहीं टूट रही है। स्टेशन के निकट स्थित स्लीपर में दरार पड़ गई है। उसी स्लीपर की पैंड्राल क्लिप भी निकली है। यह कब से टूटा है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। इस टूटे रेलमार्ग पर ही रेलवे के अधिकारी लाखों यात्रियों की जान जोखिम में डालकर रेलगाड़ियां दौड़ा रहे हैं। मामला संज्ञान में आने पर मंडल रेल प्रबंधक ने स्लीपर बदलवाने का आश्वासन दिया है।

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रविवार दोपहर स्थानीय निवासी प्रमोद और अमित स्टेशन के निकट पटरी के किनारे घूम रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक स्लीपर में दरार पड़ी हुई थी और उसकी पैंड्राल क्लिप भी गायब थी। सूचना मिलने पर दैनिक जागरण की टीम पहुंची तो देखा कि स्टेशन से हापुड़ की तरफ लगभग 100 मीटर दूर हापुड़ से आने वाली रेलगाड़ियों के रेलमार्ग के एक स्लीपर में दरार पड़ी हुई थी। उसका पैंड्राल क्लिप भी निकला हुआ था। इस रेलमार्ग से तेज रफ्तार रेलगाड़ियां गुजर रही थीं। रेलवे के कर्मचारियों और अधिकारियों ने आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि मई 2016 में ब्रजघाट के निकट पद्मावत एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। जिसके चलते बड़ा हादसा हो गया था। हाल ही में मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद रेलवे लाइन की मरम्मत करने का काम जोरशोर से किया जा रहा है। इस कारण रेलगाड़ियों की गति भी बाधित हो रही है जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद इस क्षेत्र में तेज गति वाली रेलगाड़ी आज भी टूटी स्लीपर वाली रेल की पटरियों पर दौड़ रही है। इस कारण कब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाए कहा नहीं जा सकता। शायद रेलवे के अधिकारी दुर्घटना होने की ही प्रतीक्षा कर रहे हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

स्टेशन के निकट स्लीपर में दरार पड़ने और पैंड्राल क्लिप निकलने की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो मामला गंभीर है। टीम को भेजकर स्लीपर बदलवाया जाएगा और पैंड्राल क्लिप को लगवाकर ट्रैक की मरम्मत कराई जाएगी। --ए.के. ¨सघल, मंडल रेल प्रबंधक


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