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गोपाष्टमी पर 30 हजार श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी

गोपाष्टमी पर्व पर खादर में और तीर्थ नगरी ब्रजघाट में विभिन्न प्रांतों से तीस हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा मैया में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद गोमाता की सेवा और पूजा अर्चना की। इस दौरान दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और वेस्ट यूपी से लोग मेले में आए हुए हैं। महाभारत कालीन कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले का प्रथम कहलाए जाने वाला गोपाष्टमी पर्व बृहस्पतिवार को श्रद्धापूर्वक और परंपरागत ढंग में मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 07:23 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 07:23 PM (IST)
गोपाष्टमी पर 30 हजार श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी
गोपाष्टमी पर 30 हजार श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर/ब्रजघाट

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गोपाष्टमी पर्व पर खादर और ब्रजघाट में विभिन्न प्रांतों से तीस हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद गोमाता की सेवा और पूजा की। इस दौरान दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लोग मेले में आए हैं। कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले का प्रथम कार्यक्रम कहलाए जाने वाला गोपाष्टमी पर्व बृहस्पतिवार को श्रद्धापूर्वक और परंपरागत ढंग में मनाया गया।

खादर में बनाई गई तंबुओं की नगरी और ब्रजघाट में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों से पहुंचे 30 हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने तीर्थ नगरी गंगा में डुबकी लगाई। वहीं खादर मेले में पड़ाव डाल चुके हजारों श्रद्धालुओं ने कच्चे स्नान घाटों पर ही स्नान किया। स्नान के उपरांत अधिकांश श्रद्धालुओं ने किनारे पर बैठे पंडितों से गोमाता और भगवान सत्यनारायण की कथा सुन कर पंडितों को दक्षिणा भी दी। श्रद्धालुओं ने गोमाता की सेवा कर उन्हें गुड़, चने, गन्ना आदि खिला कर रोली, चावल, धूपबत्ती तथा मिष्ठान के साथ उसकी वैदिक रीति रिवाज से पूजा अर्चना की। गोमाता की सेवा और पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं ने गरीब-निराश्रितों को भोजन और गरम वस्त्र दान किए। खादर मेला से अतिरिक्त नगर समेत समूचे क्षेत्र में गोपाष्टमी पर्व बड़ी धूमधाम के साथ परंपरागत ढंग में मनाया गया। लोगों ने गोवंश की रक्षा करने का संकल्प भी लिया।


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