प्रेशर पाइप फटने से रास्ते में नहीं रुकेगी ट्रेन
मामूली हादसे में भी प्रेशर पाइप फटने के बाद अब रेलगाड़ी रास्ते में खड़ी नहीं होगी। कोहरे के दौरान ट्रेनों से पशुओं के टकराने समेत अन्य मामलों में प्रेशर पाइप फटने पर इसे जोड़ने के तार रेलवे के लोको पायलट साथ लेकर चलेंगे। रेलवे ने सभी लोको पायलट को इसके लिए तीन-तीन मीटर लोहे का तार उपलब्ध कराया है। यह निर्णय रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की ओर से लिया गया है।
गौरव शर्मा, हापुड़ : मामूली हादसे में भी प्रेशर पाइप फटने के बाद अब ट्रेनों को रास्ते में ही नहीं रोका जाएगा। कोहरे के दौरान ट्रेनों से पशुओं के टकराने समेत अन्य मामलों में प्रेशर पाइप फटने पर इसे जोड़ने के तार रेलवे के लोको पायलट साथ लेकर चलेंगे। रेलवे ने सभी लोको पायलट को इसके लिए तीन-तीन मीटर लोहे का तार उपलब्ध कराया है। यह निर्णय रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की ओर से लिया गया है।
ट्रेनों से जानवरों के टकराने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। इस तरह की घटनाओं में ज्यादातर प्रेशर पाइप फट जाता है। इससे ब्रेक काम करना बंद कर देते हैं और ट्रेन को बीच रास्ते में ही रोक दिया जाता है। ट्रेन लेट होने के साथ ही यात्रियों को भी इस कारण समस्या होती है। कोहरे के मौसम में ऐसी घटनाएं बढ़ जाती हैं। हापुड़ स्टेशन से रेलगाड़ियों का स्टाफ बदला जाता है। यहां मालगाड़ी के 24 लोको पायलट हैं। इसके साथ ही पैसेंजर ट्रेनों के छह लोको पायलट ड्यूटी करते हैं। हालांकि यहां पर मेल और एक्सप्रेस के लोको पायलट नहीं है। इन सभी को आपात स्थिति में प्रेशर पाइप जोड़ने के लिए तीन-तीन मीटर तार उपलब्ध कराया गया है। निर्देशित किया गया है कि कोई भी लोको पायलट बिना तार के ड्यूटी पर नहीं जाएगा। इसके अलावा कोहरा पड़ने की स्थिति में उन्हें फॉग सेव डिवाइस भी उपलब्ध कराई जा रही है। सहायक लोको पायलट की जिम्मेदारी होगी कि वह ट्रेन चलने से पहले यह चेक करेगा कि पायलट के पास प्रेशर पाइप जोड़ने के लिए तार है या नहीं। अगर रास्ते में कहीं पर ट्रेन का प्रेशर पाइप फटता है तो लोको पायलट और सह लोको पायलट इसी लोहे के तार के जरिए उसे जोड़कर ट्रेन अगले स्टेशन तक ले जाएंगे।
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- क्या कहते हैं मंडल रेल प्रबंधक-
सभी पायलट को लोहे का तार बांटा जा रहा है। प्रेशर पाइप फटने की दशा में इसी तार के जरिए पाइप को बांध कर जोड़ना होगा। इससे ब्रेक ठप होने से रेलगाड़ी रास्ते में खड़ी नहीं होगी। क्योंकि कोहरे का सीजन शुरू होने वाला है, इसलिए रेलवे ने अपनी तैयारियों को शुरू कर दिया है।
एके ¨सघल, मंडल रेल प्रबंधक। - हाल के दिनों में प्रेशर पाइप फटने की घटनाएं-
* तीन माह पहले महरौली और डासना के बीच में सत्याग्रह का पाइप फटने से एक घंटा रूकी रही ट्रेन।
* छह माह पहले पिलखुवा के पास फैजाबाद एक्सप्रेस का प्रेशर पाइप फटा।
* बीस दिन पहले बाबूगढ़-¨सभावली के बीच सुपरफास्ट एक्सप्रेस का प्रेशर पाइप फटने से आधा घंटा संचालन रहा प्रभावित।