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पत्नी के गिरवी रखे जेवर छुड़ाने के लिए बना चोर

¨सभावली कस्बे में सर्राफा कारोबरी की दुकान में चोरी की घटना को अंजाम देने वाले सरगना ने अपनी पत्नी के गिरवी रखे जेवरों को छुड़ाने के लिए यह कदम उठाया। आरोपित रात को 11 बजे दुकान में घुसे और सुबह चार बजे वह दुकान के बाहर आकर आसानी से फरार हो गए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 07:15 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 07:15 PM (IST)
पत्नी के गिरवी रखे जेवर छुड़ाने के लिए बना चोर
पत्नी के गिरवी रखे जेवर छुड़ाने के लिए बना चोर

¨प्रस शर्मा, गढ़मुक्तेश्वर : ¨सभावली कस्बे में सराफा कारोबारी की दुकान में चोरी करने के आरोपित ने पत्नी के गिरवी रखे जेवर को छुड़ाने के लिए यह अपराध किया। आरोपित रात को 11 बजे से सुबह चार बजे तक दुकान में घुसे रहे। इसके बाद वे आसानी से फरार हो गए।

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¨सभावली कस्बे में सराफा कारोबारी की दुकान में दीवार काट कर लाखों रुपये के जेवरों को चोरी करने वाले मुख्य आरोपित रोहताश ने दस हजार रुपये की जरूरत पड़ने पर पत्नी के जेवर गिरवी रख कर कर्ज लिया। गिरवी रखे जेवरों को सराफा कारोबारी से छुड़ाने के लिए उसने दुकान में चोरी कर ली। आरोपित रोहताश के पिता ओमकार ¨सह ¨सभावली चीनी मिल में नौकरी करते थे। मिल में नौकरी करते हुए ही उनकी मौत हो गई थी। मिल प्रबंधन ने अभी तक मृतक के परिजन को मुआवजा नहीं दिया था। मिल प्रबंधन से मुआवजे के रुपये लेने के लिए ही आरोपित अक्सर बीबीनगर से ¨सभावली आता-जाता था। आरोपित ने बताया कि दो माह पूर्व उसने दस हजार रुपये कर्ज लेने के लिए पत्नी के जेवर दो माह के लिए गिरवी रख दिए थे। दो माह का समय पूरा होने पर उसकी पत्नी ने उससे जेवर लाने की मांग कर रही थी। रुपये की कहीं से व्यवस्था नहीं कर पाने के कारण उसने दुकान में चोरी करने के बाद माल बेच कर पत्नी के जेवर ला कर देने को निर्णय किया।

आरोपित ने पुलिस को बताया कि उसने चोरी करने के लिए दो ¨सभावली आकर पहले दुकान की रेकी की थी। इस दौरान वह दुकान स्वामी से चांदी की अंगूठी भी खरीदकर ले गया था। उसने बताया कि रेकी करने के बाद घटना के दिन उसने दोपहर को स्याना से एक सिलेंडर खरीदा और अपने दोनों साथियों के साथ सिलेंडर लेकर सुबह ही ¨सभावली आ गए। इसके बाद तीनों आरोपित रात 11 बजे तक रेलवे स्टेशन पर बैठे रहे। रात 11 बजे के बाद तीनों आरोपित दुकान के बाहर पहुंचे। रोहताश और सुमित दुकान के अंदर चले गए जबकि बलबीर दुकान के बाहर सड़क के दूसरी ओर पुलिस के आवागमन पर नजर रखता रहा।


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