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जेल में ही लिख ली थी घटना की स्क्रिप्ट!

कचहरी परिसर स्थित हवालात में हत्यारोपित के साथ मंगलवार दोपहर हुई घटना की पटकथा जेल की सलाखों के पीछे ही लिख दी थी। पटकथा में समय दिन तारीख और स्थान भी चिन्हित था। घटना सच्ची है या झूठी इसकी पुलिस जांच कर रही है लेकिन मृतक सतीश पक्ष के परिजन की मानें तो उन्होंने इस तरह की घटना के बाद में पहले ही अधिकारियों को अवगत करा दिया था। उन्होंने आशंका जाहिर की थी कि जेल में बंद फौजी कुलदीप त्यागी किसी तरह उन्हें फंसाने की साजिश रच रहा है। यदि पुलिस समय रहते यह कदम उठाती तो यह घटना न होती।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 08:33 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 06:22 AM (IST)
जेल में ही लिख ली थी घटना की स्क्रिप्ट!
जेल में ही लिख ली थी घटना की स्क्रिप्ट!

केशव त्यागी, हापुड़:

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न्यायालय परिसर में स्थित हवालात में हत्यारोपित के साथ मंगलवार दोपहर हुई घटना की पटकथा जेल की सलाखों के पीछे ही लिख दी गई थी। पटकथा के मंचन का समय, दिन, तारीख और स्थान भी चिह्रिंत था। घटना सच्ची है या झूठी, इसकी पुलिस जांच कर रही है, लेकिन मृतक सतीश पक्ष के परिजन की मानें तो उन्होंने इस तरह की घटना के संबंध में पहले ही अधिकारियों को अवगत करा दिया था। उन्होंने आशंका जाहिर की थी कि जेल में बंद फौजी कुलदीप त्यागी किसी तरह उन्हें फंसाने की साजिश रच रहा है। यदि पुलिस समय रहते यह कदम उठाती तो शायद यह घटना नहीं होती।

गांव कनिया कल्याणपुर निवासी मृतक सतीश के भाई नरेश ने छह जून को जिलाधिकारी को शिकायती पत्र दिया था। उसमें पीड़ित ने आरोप लगाया था कि उसके भाई की हत्या के आरोप में जेल में बंद उनके ही गांव निवासी फौजी कुलदीप त्यागी और अन्य लोग जेल में बंद हैं। सतीश की हत्या के बाद कुलदीप पक्ष के लोगों ने उनके पक्ष के नौ लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इस आरोप में कुछ लोग जेल में बंद हैं। उसने आशंका जताई थी कि कुलदीप त्यागी पक्ष के लोग हत्या जैसी बड़ी वारदात को अंजाम देने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि उन्हें फंसाया जा सके। इसके लिए जेल में बंद कुछ लोगों को सुपारी भी देने की सूचना उसे मिली है। नरेश ने पुलिस से आरोपितों पर कार्रवाई करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर पाई।

सतीश पक्ष के लोगों का आरोप है कि फौजी पक्ष के लोग 17 जुलाई को न्यायालय में तारीख पर आए थे। मृतक पक्ष के तीन लोगों की उच्च न्यायालय से जमानत स्वीकृत हो जाना फौजी पक्ष को अच्छा नहीं लगा। फौजी पक्ष के लोगों ने जानबूझकर मृतक पक्ष के साथ ही न्यायालय में अपनी तारीख लगवा ली। सतीश पक्ष के लोगों की जमानत नहीं होने पर इस उद्देश्य से फौजी ने स्वयं ही अपना गला रेत दिया और सतीश पक्ष के लोगों पर आरोप लगा दिया। वहीं फौजी पक्ष के लोगों का आरोप है कि सतीश पक्ष की एक महिला ने हवालात में चाकू पहुंचाया था, जिसके बाद मृतक पक्ष के तीन बंदियों ने फौजी की हत्या का प्रयास किया है।


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