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चलती का नाम गाड़ी: केंद्रों को नहीं अनुमति, माडिफिकेशन पकड़ रहा गति

जागरण संवादादाता हापुड़ नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद भी जनपद में माडिफिके

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 07:00 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 07:00 PM (IST)
चलती का नाम गाड़ी: केंद्रों को नहीं अनुमति, माडिफिकेशन पकड़ रहा गति
चलती का नाम गाड़ी: केंद्रों को नहीं अनुमति, माडिफिकेशन पकड़ रहा गति

जागरण संवादादाता, हापुड़:

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नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद भी जनपद में माडिफिकेशन के कार्य पर रोक नहीं लग सकी। दिलचस्प बात यह है कि, परिवहन विभाग से कोई भी माडिफिकेशन केंद्र रजिस्टर्ड नहीं है। इसके बाद भी वाहनों के पुर्जे बिक्री करने की आड़ में माडिफिकेशन का धंधा परवान चढ़ रहा है। आलम यह है कि आज तक परिवहन विभाग व पुलिस ने ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

जनपद में वाहन माडिफिकेशन का काम बंद नहीं हुआ है। बल्कि, पुलिस व परिवहन विभाग को चकमा देने के लिए दुकानदारों ने काम करने का तरीका बदल दिया है। पड़ताल के दौरान सामने आया कि जनपद में खुलेआम वाहन पुर्जे बिक्री करने की आड़ में माडिफिकेशन का धंधा परवान चढ़ रहा है। यदि वाहन स्वामी दुकानदारों के अपरिचित है तो माडिफिकेशन कराने में दिक्कत हो सकती है, लेकिन परिचित होने पर यह काम आसानी से हो जाता है।

कार्रवाई से बचने के लिए कुछ दुकानदार माडिफिकेशन का सामान दुकान में नहीं रखते। अपरिचित वाहन स्वामियों को यह कहकर मना कर दिया जाता है कि माडिफिकेशन का काम बंद हो गया है, लेकिन यदि वाहन स्वामी मुंहमांगे रुपये देने की बात करता है तो चोरी छिपे दुकानदार वाहन माडिफिकेशन कराने के लिए राजी भी हो जाते हैं। अगर दुकानदार से परिचय हो तो वाहनों का माडिफिकेशन आसानी से कर दिया जाता है। अधिकांश दुकानदार खुलेआम वाहनों का माडिफिकेशन कर रहे हैं।

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इंटरनेट मीडिया बनी दुकानदारों की ढाल

- इंटरनेट मीडिया के माध्यम से दुकानदार वाहन माडिफिकेशन की दुनिया से जुड़कर अपडेट रहते हैं। माडिफिकेशन जगत की तमाम जानकारियां व पा‌र्ट्स दुकानदारों के फोन में होते हैं, जिन्हें वाहन स्वामियों को दिखाकर लुभाया जाता है। बात बनने पर दुकानदार वाहन चालक से माडिफिकशन में आने वाले खर्च को एडवांस में अपने पास जमा करा लेता है। कई दुकानदार जहां अपने गोदाम आदि में माल छिपाकर रखते है। वहीं कुछ दिल्ली या अन्य जनपदों से आर्डर पर माल मंगाकर वाहन माडिफिकेशन करते हैं।

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क्या बोले जिम्मेदार

वाहनों को माडिफाइड कराना और करना दोनों ही गैरकानूनी है। ऐसा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। माडिफाइड वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द कराने के साथ जुर्माने की धनराशि भी वसूली जाएगी। इसके साथ ही वाहन माडिफिकेशन में लिप्त दुकानदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। -महेश शर्मा. एआरटीओ प्रवर्तन।


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