नवरात्र की तैयारियों के लिए बाजार को मिला एक माह का समय
जागरण संवाददाता हापुड़ बृहस्पतिवार को पितृ विसर्जनी अमावस्या के बाद पितृ पक्ष समाप्त हो गए।
जागरण संवाददाता, हापुड़
बृहस्पतिवार को पितृ विसर्जनी अमावस्या के बाद पितृ पक्ष समाप्त हो गए। इस बार अधिमास होने की वजह से नवरात्र पितृपक्ष के तुरंत बाद शुरू होने के बजाय एक माह 19 अक्टूबर से शुरू होंगे। ऐसे में कोरोना संक्रमण काल में आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे बाजार को तैयारी के लिए एक माह का समय मिल गया है। कारोबारियों ने व्यापार में तेजी आने और बाजार में रौनक लौटने की उम्मीद व्यक्त की है। मूर्ति विक्रेता देवेंद्र कलश वालों ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल की उदासीनता के बाद अब रुझान बहुत अच्छा आ रहा है। अब ग्राहक मूर्ति की जानकारी ले रहे हैं और अपनी पसंद भी बता रहे हैं। दुर्गा मैया, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों के सिंहासन के अलावा पीतल की मूर्ति पर पोशाक की डिजाइन के कलर किए जाएंगे। दीपक में कई डिजाइन बनाए जा रहे हैं, क्योंकि नवरात्र के बाद दीपावली से जुड़ी बिक्री शुरू हो जाएगी। उपहार की मूर्तियां भी आएंगी। कपड़ा व्यापारी माधव माहेश्वरी ने बताया कि सरकार ने शादी-सगाई के कार्यक्रमों में 100 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी है। इससे व्यापार को फायदा मिलेगा। नवरात्र के बीच मिल रहे 30 दिनों में हमें नए डिजाइनों को मंगवाने का समय मिल जाएगा, ताकि ग्राहकों को उनकी पसंद का सामान मिल पाएगा। अब अच्छे कारोबार की उम्मीद है। मुंबई, सूरत, अहमदाबाद और बैंगलुरू जयपुर और दिल्ली से माल मंगवाया जा रहा है।
सर्राफा हिमांशु जैन ने बताया कि लंबे लॉकडाउन के बाद बाजार खुला है, ऐसे में उम्मीद है कि दीपावली तक बाजार में रौनक रहेगी। कबाड़ी बाजार में पूजा सामग्री के विक्रेता माधव श्रंगार कुंज के मालिक ने बताया कि बाजार में तेजी आई है। दिल्ली से माल को मंगवा रहे हैं। मातारानी का श्रंगार, कलावा, रोली, सिदूर, धूप व मूर्तियां मंगवा रहे हैं। शारदीय नवरात्रि में रौनक भरपूर रहने की उम्मीद है। महीनों पहले गहनों की शुरू होती थी बुकिग गढ़मुक्तेश्वर के सर्राफ अशोक राणा का कहना है कि आमतौर पर पितृ पक्ष से पहले हर साल गहने तैयार करने की एडवांस बुकिग हो जाती थी। परंतु कोरोना काल में आई मंदी के कारण इस बार ऐसा संभव नहीं हो पाया है। अब त्योहारी सीजन और सहालग से ही उम्मीद बंधी हुई हैं।