रमजान में सेहत का भी रखें ख्याल, मरीज बरतें एहतियात
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर रमजान का मुबारक महीना बृहस्पतिवार से शुरू हो गया है। रमजान क
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर
रमजान का मुबारक महीना बृहस्पतिवार से शुरू हो गया है। रमजान के पाक महीने में रखे जाने वाले रोजे के दौरान सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है। अल्लाह की इबादत के लिए रमजान में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक रोजे रखते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति ध्यान रखने से प्रतिरोधक क्षमता घटती है। इससे कई बीमारियां होने का अंदेशा रहता है।
मुकद्दस माह रमजान के दौरान रोजेदारों की दिनचर्या बदल जाती है। रात के समय करीब 2.30 बजे से 3.30 बजे के बीच सहरी का वक्त होने के चलते खाना खाने से बदहजमी और खट्टी डकारों की शिकायत होना आम बात है। रमजान माह में सेहत का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। मधुमेह के रोगियों को चिकित्सक विशेष सतर्कता बरतने की सलाह देते हैं। मधुमेह रोगी लें डॉक्टर से परामर्श
डा. दिनेश भारती का कहना है कि मधुमेह रोगियों को रोजे रखने से पहले चिकित्सक से परामर्श कर लेना चाहिए। साथ ही नियमित रूप से अपना ब्लड शुगर का स्तर भी मापते रहना चाहिए। रोजे के दौरान टाइप-1 डाइबिटीज के रोगियों को अधिक खतरा रहता है। खास कर जिन्हें हाइपोग्लिसेमिया की शिकायत रह चुकी हो। हाइपोग्लिसेमिया और हाइपरग्लिसेमिया टाइप-2 डाइबिटीज वालों में भी हो सकती है। उतनी नहीं जितनी टाइप-1 वालों में होती है। उन्होंने बताया कि नमकीन दही, छाछ, नारियल पानी रसीले फलों का सेवन करें, ताकि शरीर में हो रही पानी की कमी की पूर्ति हो सके। अगर कोई ड्राईफ्रूट का सेवन करता है तो अखरोट और बादाम सबसे ठीक है। रोजे के दौरान दवा जरूर लें। इन बातों का रखें ध्यान
-ब्लड शुगर का स्तर जांचते रहें।
-शरीर की जरूरत को समझें और उतना ही खाएं।
-मीठी चीजों का सेवन कम ही करें।
-आहार में फल, सब्जियां, दालें और दही शामिल करें।
-भोजन और सोने के बीच दो घंटे का अंतराल रखें। सोने से पहले जटिल कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें।
-अधिक तले भोजन से परहेज करें। स्टार्च अधिक होने के कारण चावल और रोटी भी कम ही खाएं।