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वादी को धमकाने के आरोप में घिरे तहसीलदार, जांच शुरू

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर राजस्व अभिलेखों में फर्जीवाड़ा कर गुरुद्वारे की जमीन का बैनामा करने के मामले में दर्ज केस को समाप्त करने के लिए वादी को धमकाने के मामले में तहसील बुरी तरह घिर गए हैं। वादी के शिकायती पत्र पर संज्ञान लेते हुए मंडलायुक्त ने जांच बैठाई है। मंडलायुक्त के आदेश पर अपर जिलाधिकारी जयनाथ यादव ने तहसीलदार मनोज कुमार से पत्रावली के साथ जबाव-तलब किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 07:10 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 07:10 PM (IST)
वादी को धमकाने के आरोप में घिरे तहसीलदार, जांच शुरू
वादी को धमकाने के आरोप में घिरे तहसीलदार, जांच शुरू

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : राजस्व अभिलेखों में फर्जीवाड़ा कर गुरुद्वारे की जमीन का बैनामा करने के आरोप में दर्ज किए गए मुकदमे को समाप्त करने के लिए वादी को धमकाने के आरोप में तहसीलदार घिर गए हैं। शिकायती पत्र पर संज्ञान लेते हुए मंडलायुक्त ने आरोपों की जांच किए जाने के आदेश दिए हैं। मंडलायुक्त के आदेश पर अपर जिलाधिकारी जयनाथ यादव ने तहसीलदार मनोज कुमार से पत्रावली के साथ जबाव-तलब किया है।

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गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के उपसचिव गुरमुख ¨सह ने लगभग 20 दिन पहले मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को एक पत्र भेजा था। पत्र में उन्होंने बताया कि वह गुरुद्वारे की देखभाल करता है। गुरुद्वारे की जमीन जिसका खसरा संख्या 184/1 रकबा 7 बिस्बा तथा खसरा संख्या 184/2 रकबा 2 बिस्बा गढ़ बांगर में है। राजस्व अभिलेखों में यह भूमि प्राचीन गुरुद्वारे के नाम से दर्ज है। कुछ लोगों ने राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर इस भूमि पर गुरुद्वारे के स्थान पर अपना नाम दर्ज करवा लिया है। इसके बाद इस भूमि का 25 मई 2015 में फर्जी बैनामा भी कर दिया। उनका कहना है कि पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया, लेकिन कार्रवाई नहीं की। आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के चलते तहसीलदार मनोज कुमार उन पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। दबाव नहीं मानने पर उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहे हैं। मंडलायुक्त ने गुरुमुख ¨सह के शिकायती पत्र को गंभीरता से लेते हुए अपर जिलाधिकारी जयनाथ यादव को मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं। अपर जिलाधिकारी जयनाथ यादव ने बताया कि मंडलायुक्त के आदेश पर जांच शुरू कर दी गई है। तहसीलदार मनोज कुमार को पत्रावली के साथ उपस्थित होने को कहा गया है। वहीं तहसीलदार मनोज कुमार का कहना है कि गुरुमुख ¨सह वर्ष 2015 में घटना घटित हुई बता कर आरोप लगा रहे हैं। उस समय वह तहसील में किसी पद पर कार्यरत नहीं थे। इसलिए उनके आरोप निराधार हैं। धमकाने का आरोप भी पूरी तरह से निराधार हैं। पुलिस द्वारा की जा रही विवेचना में सहयोग किया जा रहा है। --एसडीएम और सीओ ने शुरू की जांच

उपजिलाधिकारी ज्योति राय ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर पुलिस क्षेत्राधिकारी पवन कुमार के साथ बृहस्पतिवार दोपहर वह गुरुद्वारा परिसर पहुंची। उन्होंने गुरुद्वारे की जमीन की पैमाईश कराई। जांच के बाद रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी।


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