Move to Jagran APP

UP में क्राइम रोकने आ रहा ऐसा सिस्‍टम, पुलिस वाला पूछेगा नाम और बता देगा आपके क्राइम का सारा रिकॉर्ड

लखनऊ मुख्यालय से जनपद के पुलिस अधिकारियों को पत्र प्राप्त हुआ था। पत्र के दिशा-निर्देशों पर जनपद में वर्ष 2003 से दिसंबर 2012 तक हुए अपराधों व अपराधियों का इतिहास सीसीटीएनएस से जुड़ी डीएमयू एप्लीकेशन पर अपलोड किया गया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 05:31 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 05:31 PM (IST)
UP में क्राइम रोकने आ रहा ऐसा सिस्‍टम, पुलिस वाला पूछेगा नाम और बता देगा आपके क्राइम का सारा रिकॉर्ड
क्राइम को रोकने के लिए उठाया जा रहा कदम- फाइल फोटो

हापुड़, केशव त्यागी। क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) पोर्टल के जरिए अब पुलिसकर्मी पिछले 18 वर्षों में हुए अपराध व अपराधियों की जानकारी अपने मोबाइल फोन पर एक क्लिक से पता कर सकेंगे। इस संबंध में लखनऊ मुख्यालय से जनपद के पुलिस अधिकारियों को पत्र प्राप्त हुआ था। पत्र के दिशा-निर्देशों पर जनपद में वर्ष 2003 से दिसंबर 2012 तक हुए अपराधों व अपराधियों का इतिहास सीसीटीएनएस से जुड़ी डीएमयू एप्लीकेशन पर अपलोड किया गया है। अधिकारियों ने डाटा फीड करने के बाद सीडी मुख्यालय को भेज दी है।

loksabha election banner

सीसीटीएनएस से प्रदेश के साथ जनपद पुलिस लगातार रूप से हाईटेक होती जा रही है। जनरल डायरी (जीडी), एफआइआर, केस डायरी (सीडी), आरोप पत्र (चार्जशीट), अंतिम रिपार्ट (एफआर) से लेकर अन्य कार्य सीसीटीएनएस के तहत ऑनलाइन हो रहे हैं। इसके बावजूद आज भी पुलिस को पुराने अपराध व अपराधियों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए थानों के रजिस्टर खंगालने पड़ते हैं। इस समस्या को भी जड़ से समाप्त करने के लिए लखनऊ पुलिस मुख्यालय पर तैनात आला अधिकारियों ने युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दीं हैं।

एएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि पिछले दिनों लखनऊ मुख्यालय से एक पत्र प्राप्त हुआ था। पत्र में जनपद के अधिकारियों को वर्ष 2003 से दिसंबर 2012 तक हुए अपराधों व उनमें लिप्त अपराधियों का डाटा सीसीटीएनएस की डीएमयू एप्लीकेशन पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे। 15 जून को थानावार टीम का गठन कर डीएमयू एप्लीकेशन पर डाटा डिजीटाइजेशन का कार्य प्रारंभ करा दिया गया था।

नाम से पता चल जाएगा आपराधिक इतिहास

एएसपी ने बताया कि डीएमयू एप्लीकेशन पर डाटा डिजीटाइजेशन के लिए अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित की गई थी। इस तिथि से पहले ही सभी थानों की टीमों द्वारा डाटा डिजीटाइजेशन का काम पूरा कर लिया था। इसके बाद सीडी बनाकर मुख्यालय भेज दी गई है। डीएमयू एप्लीकेशन की सीडी से इस डाटा को सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर पर अपलोड कर दिया जाएगा। इसके बाद पुलिसकर्मी महज अपराधी का नाम सीसीटीएनएस पर डालकर उसके आपराधिक इतिहास की जानकारी तुरंत पता कर सकेंगे। इस प्रक्रिया के शुरू होने के बाद आपराधिक इतिहास खंगालने के लिए पुलिस को विभिन्न थानों से अपराधी के संबंध में जानकारी लेने से निजात मिलेगी।

थानावार प्लीकेशन पर हुए अपलोड अपराध का आंकड़ा

(वर्ष 2003 से दिसंबर 2012 तक)

थाने का नाम अपलोड किए अपराध की संख्या

कोतवाली हापुड़ 7762

थाना हापुड़ देहात 3077

थाना बाबूगढ़ 3165

थाना पिलखुवा 5024

थाना धौलाना 1830

थाना हाफिजपुर 2541

थाना गढ़मुक्तेश्वर 5219

थाना सिभावली 1157

थाना बहादुरगढ़ 1912


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.