स्वाइन फ्लू की जद में हापुड़, तीन और मरीजों में हुई पुष्टि
स्वाइन फ्लू की जड़े भी अब जिले में मजबूत हो रही है। बुधवार को तीन मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, जबकि मंगलवार को दो मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। जिले में अब इसके मरीजों की संख्या दस तक पहुंच गई है। दो दिनों में पांच मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा इस ओर किए जा रहे सफल दावों की पोल खुलने के साथ ही कई गंभीर सवाल भी खड़े गए हैं।
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
स्वाइन फ्लू की जड़ें अब जिले में मजबूत हो रही हैं। बुधवार को तीन मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, जबकि मंगलवार को दो मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। जिले में अब इसके मरीजों की संख्या दस तक पहुंच गई है। दो दिनों में पांच मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
बुधवार को गढ़ निवासी 32 वर्षीय अलका पत्नी सुखवीर, पिलखुवा के ग्राम कस्तला कास्माबाद निवासी 18 वर्षीय कौशल पुत्र यशवीर और हापुड़ के मोहल्ला श्रीनगर निवासी 22 वर्षीय शैरी नागपाल पत्नी पवन नागपाल में जांच के बाद स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। तीनों मरीज कई दिनों से बीमार चल रहे थे। जिसके बाद इन्हें मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वाइन फ्लू के लक्षण मिलने पर मेरठ मेडिकल कॉलेज में जांच कराई गई। जहां तीनों को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजवीर ¨सह ने बताया कि मेल के माध्यम से तीनों को स्वाइन फ्लू की पुष्टि की जानकारी मेरठ मेडिकल द्वारा दी गई है। बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम तीनों के घर जाएगी और परिजन को बचाव के लिए दवा दी जाएगी।
----
- भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम -
यह एक संक्रामक बीमारी है। जिसकी अनदेखी करने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसका इलाज नहीं होने पर यह जानलेवा भी बन सकता है। खासतौर पर रोगी के फेफड़े के लिए यह काफी खतरनाक होता है। छोटे बच्चे और बुजुर्गों के इसकी चपेट में आने की आशंका अधिक होती है। कम प्रतिरोधक क्षमता और पहले से बीमार लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से दवाएं ले रहा हो या उसका इलाज चल रहा हो, ऐसे व्यक्ति के लिए भी यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है।
-----
- बचाव के उपाय -
जब कोई स्वाइन फ्लू का मरीज छींकता है तो उसके आसपास तीन फीट की दूरी तक खड़े व्यक्तियों के शरीर में इस फ्लू का वायरस प्रवेश कर जाता है। मरीज से कम से कम छह फीट की दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इसके अलावा अपने हाथों को बिना साबुन से धोएं सीधा नाक के संपर्क में न लेकर जाएं।
----
- यह होते हैं लक्षण -
- नाक का लगातार बहना, छींक आना
- नाक जाम होना
- मांसपेशियां में दर्द या अकड़न महसूस होना
- सिर में भयानक दर्द होना
- कफ और कोल्ड
- लगातार खांसी आना
- बहुत ज्यादा थकान महसूस होना
- बुखार होना और दवा खाने के बाद भी बुखार का लगातार बढ़ना
- गले में खराश होना और खराश का लगातार बढ़ते जाना
------
- स्वाइन फ्लू के मरीजों के परिजन को दी दवाई -
जासं, हापुड़ : दो मरीजों में मंगलवार को स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को दोनों मरीजों के घर जाकर परिजन को बीमारी की रोकथाम के लिए दवाई दे दी है। नगर के मेरठ रोड स्थित आवास विकास कॉलोनी निवासी 45 वर्षीय बीना त्यागी और मोहल्ला न्यू शिवपुरी निवासी पांच वर्षीय बच्ची अनवी बांगा कई दिनों से बीमार चल रही थीं। दोनों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि मंगलवार को हुई थी। जिसके बाद सीएमओ के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग की एक टीम बुधवार को दोनों मरीजों के घर पहुंची और परिजन को बचाव के लिए फ्लू की दवाई दी।
-------
- क्या कहते है मुख्य चिकित्सा अधिकारी -
जनपद में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए एक टीम का गठन किया गया है। किसी भी व्यक्ति में स्वाइन फ्लू (एच1एन1) के लक्षण मिलने पर उसका इलाज तुरंत टेमी फ्लू की टेबलेट देकर किया जा रहा है। यह टीम मरीजों के घर जाकर परिजन को भी टेमी फ्लू की दवाई देने जाती है। हापुड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया है। सभी सरकारी अस्पतालों में भी टेमी फ्लू की दवाई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। - डॉ. राजवीर ¨सह, मुख्य चिकित्साधिकारी