तो क्या मुर्दा ने किए थे बैनामे पर हस्ताक्षर
गढ़ खादर क्षेत्र अंतर्गत बांगर में भूमाफियों द्वारा एक किसान की मौत के नो वर्ष बाद फर्जी किसान बनकर उसकी खेती का फर्जी बैनामा किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की जानकारी जब किसान के पुत्र को हुई तो वह भौचक्का रह गया। मृतक किसान के पुत्र ने अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर फर्जी बैनामे को निरस्त कराने की मांग की है। वहीं उच्च अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेकर जांच करह
प्रिस शर्मा, गढ़मुक्तेश्वर:
गढ़ खादर क्षेत्र अंतर्गत बांगर में भूमाफियों द्वारा एक किसान की मौत के नौ वर्ष बाद फर्जी किसान बनकर उसकी खेती का फर्जी बैनामा किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की जानकारी जब किसान के पुत्र को हुई तो वह दंग रह गया। मृतक किसान के पुत्र ने अधिकारियों को शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। उच्चाधिकारियों ने मामले में जांच कराने का आश्वासन दिया है।
सूबे की सरकार गढ़ गंगा क्षेत्र को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित कराए जाने का काम कर रही है। गंगा नगरी में भू-माफियों का काला कारोबार चर्म सीमा पर है। फर्जी बैनामे, जमीन पर कब्जा करने का काम चल रहा है। ऐसे में एक मामला ऐसा सामने आया है जिसमें मृत किसान के हस्ताक्षर से उसकी कृषि भूमि का बैनामा कर दिया। सवाल है कि क्या मुर्दा बैनामा करने धरती पर आया था। मामला गढ़ के गांव शाहपुर का है। गांव निवासी सतीश कुमार ने एसडीएम विजय वर्धन तोमर से शिकायत करते हुए कहा कि उसके पिता राम बिहारी के नाम पर कौथला बांगर में कृषि भूमि है। जिसमें दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने फर्जी तरीके से दूसरा व्यक्ति को उसका पिता बनाकर दिनांक तीन अक्टूबर 1996 में फर्जी बैनामा करा दिया गया। क्योंकि उसके पिता राम बिहारी की मौत 26 मार्च 1987 को हो गई थी। लेकिन बैनामे में उसके पिता के फर्जी हस्ताक्षर किए गए। इसकी पीड़ित को उस समय जानकारी नहीं हो सकी। पिछले दिनों जब वह खेती की भूमि पर पहुंचा तो उसको इसकी जानकारी हुई। पीड़ित ने एसडीएम को दिए गए शिकायती पत्र के माध्यम से फर्जी बैनामे के आधार पर जमीन को क्रेता और दस्तावेज लेखक के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की। एसडीएम विजय वर्धन तोमर ने मामले की गहनता से जांच कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।