स्माग से हुई आंखों में जलन, धुंध ने बढ़ाई ठंड
सोमवार को आसमान में स्मॉग और धुंध का असर देखने को मिला। इस कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई तो आंखों में जलन भी रही। धुंध के कारण मौसम में ठंडक रही और पूरे दिन में कुछ समय के लिए ही धूप निकली। सबसे अधिक परेशानी हृदय और सांस के रोगियों को झेलनी पड़ी। बच्चों व बुजुर्गों को स्मॅाग का दंश झेलना पड़ा।
जागरण संवाददाता, हापुड़ : सोमवार को आसमान में स्माग और धुंध का असर देखने को मिला। इस कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई और आंखों में जलन की शिकायत भी रही। धुंध के कारण दिन भर सूर्य देव के दर्शन नहीं हो पाए। इस कारण मौसम में ठंडक रही, देर शाम लोगों को सर्दी का मौसम आ जाने का अहसास हुआ। सबसे अधिक परेशानी हृदय और सांस के रोगियों को झेलनी पड़ी। बच्चों व बुजुर्गों को भी स्माग के कारण काफी समस्या बनी रही। हालांकि, रविवार को इस प्रकार की स्थिति कतई नहीं थी, लेकिन सोमवार को अचानक स्थिति बिगड़ गई। मंगलवार को भी ऐसा ही मौसम रहने की उम्मीद मौसम विभाग कर रहा है।
रविवार को न्यूनतम तापमान 18 डिग्री और अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्शियस रहा था। सोमवार को न्यूनतम तापमान घटकर 15 डिग्री और अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्शियस रहा। सोमवार को न्यूनतम तापमान लगभग तीन डिग्री गिर गया। सोमवार को सुबह से ही स्माग का असर आसमान में साफ तौर पर दिखाई दिया। इस कारण हृदय, सांस के रोगियों को परेशानी बढ़ गई। बच्चे व बुजुर्गों को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। बदलते मौसम के कारण खांसी, जुकाम और गला खराब होने की परेशानी झेल रहे रोगियों को सांस लेने में परेशानी होने लगी। इस कारण अस्पतालों में रोगियों की बढ़ गई।
निजी चिकित्सक डा. पराग शर्मा के अनुसार स्माग के प्रकोप के दौरान बच्चे और वृद्ध घर से कम ही निकलें। सुबह की सैर का समय बदल दें और सांस और हृदय रोगी कुछ दिन तक घर में ही टहलें और अधिक से अधिक समय घर में ही बिताएं। स्माग वातावरण में कई तरह की विषैली गैसों, धूल, मिट्टी के कणों के फैलने से होता है। जब रोगी इनके संपर्क में आता है तो उसे सांस लेने में परेशानी होती है। इस कारण रोगी को अस्थमा का हमला भी जाता है। आने वाले दिनों में स्मॉग का असर बढ़ सकता है। इसलिए लोग सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। कोई भी परेशानी होने पर चिकित्सक से राय अवश्य लें।
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- मास्क और एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ी
स्माग के असर से बचने के लिए लोगों ने बचाव करना भी शुरू कर दिया है। विशेषकर, हृदय और सांस के रोगी बचाव में जुट गए हैं। मास्क, इन्हेलर, नेबुलाइजर की लगभग 73 प्रतिशत मांग बढ़ गई है। मॉस्क की बिक्री में पिछले पांच दिनों में तेजी आई है। एयर प्यूरीफायर की मांग भी बढ़ गई है। दवा विक्रेता नीरज गोयल ने बताया कि प्रदूषण के चलते मॉस्क और एयर प्यूरीफायर की काफी बिक्री हो रही है।
---------- --निम्न बातों का रखें ध्यान
- हृदय और सांस रोगी सुबह-शाम घर से बाहर जाने से बचें
- बच्चों को चिकित्सक परामर्श पर नेबुलाइजेशन कराएं
- बाहर जाते समय मॉस्क अथवा रुमाल लगाएं
- हेलमेट पहनें, आंखों पर चश्मा लगाएं
- अस्थमा रोगी इन्हेलर अपने साथ अवश्य रखें और मात्रा बढ़ा दें
- हृदय रोगी विशेष सावधानी बरतें
- सांस के रोगी सुबह के समय टहलना बंद कर दें।
- प्रदूषण विभाग का आंकड़ा -
पीएम 10 --
सुबह दस बजे - 22.1
दोपहर 12 बजे- 26.4
दोपहर तीन बजे- 28.2
शाम पांच बजे- 26.8
शाम सात बजे- 23.1
(नोट : यह आंकड़े प्रदूषण विभाग द्वारा लिए गए हैं, जो रविवार के हैं।)
------------ एयर क्वालिटी इंडेक्स - खराब।
-------------- आसमान में छाया स्माग, लोगों की परेशानी बढ़ी
05 एचपीआर 69
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर
गंगा नगरी सहित आसपास के क्षेत्र में सोमवार में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर रहा। सोमवार को सुबह से शुरू हुए स्माग के कारण दिन भर सांस लेने में मुश्किल हो रही थी। सुबह दस बजे के बाद सूर्य देव के दर्शन नहीं हो पाए। धुंध की शुरुआत रविवार मध्य रात में ही हो गई थी, लेकिन सोमवार सुबह इसका प्रभाव बढ़ गया। इस कारण दृश्यता भी कम हुई। सुबह दस बजे भी यात्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की लाइट जलाकर चलने को विवश हुए। डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि स्माग सबसे ज्यादा परेशान सांस अर्थात अस्थमा के रोगियों को करता है। इस स्थिति में लोगों को बाहर निकलते ही दम घुटने जैसा महसूस होने लगता है। ज्यादा देर तक ऐसी जहरीली हवा में रहने से हालत और भी खराब हो सकती है। इस परेशानी से जूझ रहे लोगों को ऐसे मौसम में कम ही बाहर निकलना चाहिए।