गढ़ के बारादरी मैदान में देर रात हुआ रावण का दहन
नगर के बारादरी मैदान में असत्य पर सत्य की जीत का पर्व धूमधाम से मनाते हुए देर रात रावण दहन का कार्यक्रम किया गया। जिसमें कमेटी के द्वारा आयोजित मेले में आसपास के गांवों से आई हजारों की संख्या में महिला, पुरुष और बच्चों की भीड़ ने जमकर खरीददारी करते हुए चाट पकौड़ी और जलेबी खाने के साथ-साथ रामलीला मंचन का आनंद लिया। राम और रावण के बीच हुए युद्ध में रावण के पुत्र और भाईयों की मौत जाती है और उसके बाद लंका में मात्र रावण ही एक मात्र राजा बच जाता है। जिससे वह ¨चतित हो जाता है। जिससे वह लंका में अपने भवन
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : नगर के बारादरी मैदान में असत्य पर सत्य की जीत का पर्व धूमधाम से मनाते हुए देर रात रावण दहन का कार्यक्रम किया गया। जिसमें कमेटी के द्वारा आयोजित मेले में आसपास के गांवों से आई हजारों की संख्या में महिला, पुरुष और बच्चों की भीड़ ने जमकर खरीददारी करते हुए चाट पकौड़ी और जलेबी खाने के साथ-साथ रामलीला मंचन का आनंद लिया।
राम और रावण के बीच हुए युद्ध में रावण के पुत्र और भाईयों की मौत हो जाती है और उसके बाद लंका में मात्र रावण ही एक मात्र राजा बच जाता है। जिससे वह ¨चतित हो जाता है। जिससे वह लंका में अपने भवन में जाकर बैठ जाता है। परन्तु एक बार फिर से सुपर्णखा की नाक कटी होने की बात याद करते हुए रावण स्वयं रणभूमि में युद्ध के लिए पहुंच जाता है। जहां भगवान राम और रावण का घोर युद्ध होता है, लेकिन भगवान राम रावण का वध नहीं कर पाते हैं। उसके बाद रावण का भाई विभीषण भगवान राम को रावण की मौत उसकी चाबी उसकी नाभी में अमृत होना बताता है। उसके बाद भगवान राम अपने ब्रहमास्त्र का प्रयोग करते रावण का वध कर देते हैं। जिसके बाद भगवान राम स्वयं लक्ष्मण से रावण के पास जाकर शिक्षा लेने की बात कहते हैं। वहीं रावण के रुतले का दहन होने पर मेले में दूर दराज से भक्तों ने जमकर भगवान राम के जयकारे लगाए गए। रावण पुतले में भाजपा नेता तरुण राठी द्वारा दहन किया गया। इस अवसर पर कमेटी अध्यक्ष पवन जैन, विष्णु दत्त नागर, कमल त्यागी, अरुण त्यागी, नितेश पंडित, सोनू आढ़ती, ¨टकू शर्मा, संजीव कुमार, काके पांडेयान, विजय शर्मा आदि मौजूद रहे।