प्राथमिक विद्यालय की छत भरभराकर गिरी, बच्चे बाल-बाल बचे
बहादुरगढ़ स्थित परिषदीय विद्यालय के कमरे की जर्जर छत बुधवार दोपहर अचानक भरभराकर गिर गई। हादसे के वक्त विद्यालय के बच्चे निकट के कमरे में पढ़ाई कर रहे थे। गनीमत रही कि उस कमरे में या उसके नजदीक कोई बच्चा नहीं था। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। विद्यालय की छत गिरने से शिक्षा विभाग के अफसरों के दावों की पोल खुल गई है। कमरे की छत गिरने की सूचना पर सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए।
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर
कस्बा बहादुरगढ़ स्थित परिषदीय विद्यालय के कमरे की जर्जर छत बुधवार दोपहर अचानक भरभराकर गिर गई। हादसे के वक्त विद्यालय के बच्चे निकट के कमरे में पढ़ाई कर रहे थे। गनीमत रही कि उस कमरे में या उसके नजदीक कोई बच्चा नहीं था।
अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। विद्यालय की छत गिरने से शिक्षा विभाग के अफसरों के दावों की पोल खुल गई है। कमरे की छत गिरने की सूचना पर सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए।
कस्बा स्थित प्राथमिक विद्यालय नंबर एक के कमरों की स्थिति जर्जर हो चुकी है। स्कूल के कमरे अधिकांश कच्चे बने हुए हैं। जिसके चलते स्कूल के बच्चे निकट के ही भवन में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बुधवार दोपहर विद्यालय के प्रधानाध्यापक विशाल कुमार स्कूली बच्चों को स्कूल के एक कक्ष में पढ़ा रहे थे। दोपहर करीब डेढ़ बजे स्कूल के एक कमरे की छत अचानक भर-भराकर गिर पड़ी।
छत गिरने के बाद धड़ाम की तेज आवाज सुनाई दी। आवाज सुनते ही स्कूली बच्चों में भगदड़ मच गई। गनीमत रही कि उस समय कमरे में कोई भी बच्चा या शिक्षक मौजूद नहीं था। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं स्कूल के कमरे की छत गिरने से आसपास के सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। बहादुरगढ़ थाना प्रभारी मनु चौधरी, खंड शिक्षा अधिकारी पंकज अग्रवाल भी पहुंच गए। यहां खंड शिक्षा अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया कि स्कूल के कमरों की छत काफी पुरानी है जो गिर गई। छत का निर्माण कराने के लिए प्रस्ताव उच्चाधिकारियों के माध्यम से शासन को भेजा गया है। जर्जर होने के बाद इस कमरे में बच्चों को न पढ़ाने के आदेश दे रखे थे। जनपद में और भी हैं जर्जर भवन
जनपद में 427 प्राथमिक और 207 उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें से 12 विद्यालयों के भवन जर्जर हालत में हैं। जबकि 10 विद्यालय नगर क्षेत्र में किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार इसका समाधान नहीं तलाश पा रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि विद्यालय की जर्जर बि¨ल्डग गिरी हो। इससे पहले 18 जुलाई 2018 में हापुड़ नगर के मोहल्ला चमरी
स्थित प्राथमिक विद्यालय की छत गिर गई थी। गनीमत रही कि कोई बच्चा हादसे का शिकार नहीं हुआ। जर्जर भवनों में बच्चों को न पढ़ाने के आदेश जारी कर रखे हैं। जिस विद्यालय के कमरे की छत बुधवार दोपहर गिर है उसको गिराने की कवायद चल रही थी। उसका एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा जा चुका है। जर्जर भवन होने के चलते दूसरे पक्के भवन में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। -देवेंद्र गुप्ता, बेसिक शिक्षा अधिकारी