ईश्वर की कृपा से मनोकामना पूर्ण होती है : शाह रतन
श्री सतुगुरु भगवान दास जी के 73 वें ज्योति-जोत गुरुपर्व पर राघव रीजेंसी में आयोजित समागम के तहत शुक्रवार को कीर्तन हुआ। जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। सुबह से लेकर शाम तक अलग-अलग कार्यक्रम के तहत कीर्तन हुआ।
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
श्री सतुगुरु भगवान दास जी के 73 वें ज्योति-जोत गुरुपर्व पर राघव रीजेंसी में आयोजित समागम के तहत शुक्रवार को कीर्तन हुआ। इसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। सुबह से लेकर शाम तक अलग-अलग कार्यक्रम के तहत कीर्तन हुआ।
श्री सतगुरु शाह रतन शाह जी महाराज ने कहा कि जो भी प्राणी उस निरंकार का भजन करते हैं, उनके सभी काम ईश्वर स्वयं पूर्ण करते हैं। कोई भी मनुष्य ईश्वर की अराधना रुपी मजदूरी करता है तो ईश्वर भी उस प्राणी की शुभ मनोकामना की पूर्ति करके उसे उसका हक अवश्य देते हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक अवस्था में आने के लिए ये जरूरी नहीं कि मनुष्य को अपनी गृहस्थी का त्याग करना पड़े। अपितु अपने घर-गृहस्थी में रहकर भी धार्मिक दायित्वों का सरल तरीके से भली प्रकार निर्वाहन किया जा सकता है।
कार्यक्रम में आए विद्वान रागीजन भाई ओंकार ¨सह एवं हरजोत ¨सह ने मनोहर कीर्तन के द्वारा उपस्थित संगतों को निहाल किया। गुरू साहिबजादियां ज्योत्सना जी व कनिका जी ने अपनी मंडली के साथ बहुत ही मधुर कंठ से शब्द गायन किए।
समागम में समूह संगतों ने मिलकर निरंतर एक घंटे तक माला-सिमरन करके सामूहिक हरिजाप में भाग लिया।