आतिशबाजी के बाद हुआ रावण के पुतले का दहन
जागरण संवाददाता हापुड़ औपचारिकताओं के बीच रविवार देर रात को रावण मेघनाद और क
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
औपचारिकताओं के बीच रविवार देर रात को रावण, मेघनाद और कुम्भकरण के पुतलों का दहन किया गया। 65 के स्थान पर करीब 12 फुट ऊंचे पुतलों का दहन हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इससे पहले आतिशबाजी की, जिसका लोगों ने भरपूर आनंद लिया। पुतला दहन को देखने के लिए लोग रामलीला मैदान में डटे रहे।
कोविड-19 के कारण इस बार करीब 85 साल की परंपरा टूटी। इस बार रामलीला का मंचन नहीं हुआ और न ही मेले का आयोजन किया गया। हर बार दहशरे पर मेले और मंचन को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचते थे, लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हो सका। दशहरे से पहले दिन चौबीस घंटे के लिए रामचरित मानस के अखंड पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें श्री रामलीला समिति के अलावा बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
समिति के प्रवक्ता सुयश वशिष्ठ ने बताया कि रविवार की रात करीब 12 सबसे पहले आतिशबाजी की गई। इसके बाद मान्यताओं के आधार पर रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतले का दहन किया गया। पिछले वर्ष तक दशहरे से अगले दिन सुबह करीब चार बजे तीनों के पुतले का दहन होता था। पूरी रात मंचन चलता था। जिसे देखने के लिए आसपास के गांवों से भी ग्रामीण पहुंचते थे।