काठमांडू से मुंबई में छिपने के लिए पहुंचा था रणदीप
उधम¨सह नगर की पुलिस ने जिस भगौड़े रणदीप ¨सह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया, वह गिरफ्तारी के चंद दिनों में ही पुलिस कस्टडी से रफूचक्कर हो गया। प्रापर्टी डीलर की हत्या करने के बाद वह काठमांडू फरार हो गया था। जहां से वह मुंबई में शरण लेने के लिए पहुंचा था। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही सीआइएसएफ की टीम ने उसे गिरफ्तार कर मुंबई पुलिस को सौंप दिया था। रणदीप ¨सह के फरार होने के मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आ रही है, क्योंकि कार में महज एक उपनिरीक्षक और दो कांस्टेबिल ही उसे लेकर जा रहे थे। ऐसे में यदि एक सिपाही और साथ होता तो शायद वह फरार नहीं हो पाता।
गौरव शर्मा, हापुड़ : उधम¨सह नगर की पुलिस ने जिस भगोड़े रणदीप ¨सह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया, वह गिरफ्तारी के चंद दिनों में ही पुलिस कस्टडी से रफूचक्कर हो गया। प्रापर्टी डीलर की हत्या करने के बाद वह काठमांडू फरार हो गया था। जहां से वह मुंबई में शरण लेने के लिए पहुंचा था। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही सीआइएसएफ की टीम ने उसे गिरफ्तार कर मुंबई पुलिस को सौंप दिया था। रणदीप ¨सह के फरार होने के मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आ रही है, क्योंकि कार में महज एक उपनिरीक्षक और दो कांस्टेबिल ही उसे लेकर जा रहे थे। ऐसे में यदि पुलिसकर्मी अधिक होते तो तो शायद वह फरार नहीं हो पाता।
पुलिस सूत्रों के अनुसार थाना किच्छा क्षेत्र के प्रमुख प्रापर्टी डीलर समीर के साथ रणदीप ¨सह संयुक्त व्यापार करता था। व्यापार के लेनदेन को लेकर दोनों में कुछ समय पहले कहासुनी हो गई थी। इसके बाद रणदीप ¨सह ने समीर की हत्या करने की प्ला¨नग बनाई थी। इस काम के लिए उसने चार लोगों को सुपारी देकर कत्ल कराया था। हालांकि पुलिस ने हत्या करने वाले चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया था। बदमाशों से पूछताछ करने पर ही रणदीप ¨सह का नाम सामने आया था।
अपर पुलिस अधीक्षक राम मोहन ¨सह ने बताया कि किच्छा थाने के सब इंस्पेक्टर विनोद जोशी से इस पूरे मामले की जानकारी की गई तो पता लगा कि डेढ़ महीना पहले ही उधम¨सह नगर पुलिस की रणदीप ¨सह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया था। वह प्रापर्टी डीलर समीर की हत्या का षडयंत्र रचने के बाद काठमांडू फरार हो गया था। जब उसे रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने की सूचना मिली तो वह काठमांडू से मुंबई पहुंच गया था। 14 सितंबर को जब वह एयरपोर्ट से बाहर निकला तो सीआइएसएफ ने रणदीप ¨सह को गिरफ्तार कर मुंबई पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। मुंबई पुलिस ने जब उधम¨सह नगर की पुलिस को रणदीप ¨सह की गिरफ्तारी की जानकारी दी तो एक उपनिरीक्षक और दो कांस्टेबिल उसे लेकर आ रहे थे।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि हत्या की साजिश रचने का मास्टरमांइड को गिरफ्तार करने के लिए यदि अधिक पुलिस कर्मी होते तो शायद वह फरार नहीं होता। कयास तो यह भी लगाए जा रहे हैं कि कहीं उसे फरार होने की प्ला¨नग पहले से ही तो नहीं की थी।
----
- टक्कर मारने वाले कैंटर का भी नहीं कुछ पता-
पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बताया कि तड़के हादसा हुआ था। हादसे के बाद कैंटर चालक मौके से वाहन सहित फरार हो गया। उसकी तलाश कराई जा रही है। फिलहाल विभिन्न ¨बदुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है।
-------
- सीट बेल्ट नहीं होती तो घायल होते पुलिस कर्मी
थाना किच्छा के उपनिरीक्षक विनोद जोशी ने बताया कि उन्होंने कार में बैठकर सीट बैल्ट लगा रखी थी। यदि सीट बैल्ट नहीं होती तो कार सवार पुलिस कर्मी भी घायल हो जाते।
-------
- फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर एकत्र किए साक्ष्य-
पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बताया कि इस घटना के बाद मौके पर फोरेंसिक टीम को भेजकर पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। जल्द ही रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-------
- शातिर बदमाश रणदीप ¨सह के खिलाफ कई राज्यों में मुकदमें पंजीकृत-
जिले की पुलिस को छानबीन में इस बात का पता लगा है कि रणदीप ¨सह के खिलाफ पंजाब से लेकर उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में कई मामले पंजीकृत हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो रणदीप ¨सह के खिलाफ बरेली में नकली नोट के साथ पकड़े जाने का मामला पंजीकृत हुआ था। पंजाब में उसके खिलाफ एनडीपीए एक्ट में मुकदमा पंजीकृत है। इसके अलावा एक से अधिक पासपोर्ट होने की बात सामने आ रही है। वह काफी लंबे समय से उधम¨सह नगर की ओमेक्स कालोनी के थेम्स ब्लॉक में पुलिस से छिपकर रह रहा था। उधम¨सह नगर की पुलिस रणदीप ¨सह को 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आ रही थी।