मुख्य समाचार: सिभावली शुगर्स लिमिटेड की अटैच की 109.80 करोड़ की संपत्ति
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से किसानों को गन्ना भुगतान के लिए 14
- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऋण के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में जारी किए आदेश
- सिभावली स्थित कंपनी की डिस्टिलरी इकाई की जमीन समेत अन्य मशीनरी होंगी अटैच
- 5,762 किसानों को भुगतान के नाम पर ओबीसी से लिया था 148.59 करोड़ रुपये का ऋण
- किसानों को भुगतान नहीं कर ऋण के धन का दूसरे कार्यों में किया था उपयोग
02 एचपीआर 45
जागरण संवाददाता, हापुड़ : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिभावली शुगर्स लिमिटेड के खिलाफ किसानों को भुगतान के लिए ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) से 148.59 करोड़ का ऋण लेकर धोखाधड़ी के मामले में बड़ी कार्रवाई है। इसके तहत सिभावली चीनी मिल की डिस्टिलरी इकाई की जमीन, इमारत, संयंत्र और मशीनरी जैसी 109.80 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है।
ईडी ने मंगलवार को बताया कि उसने बैंक ऋण लेकर धोखाधड़ी करने के मामले में मनी लॉन्ड्रि्रंग नियम के तहत जांच करने के सिलसिले में सिभावली चीनी मिल की करीब 110 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। ईडी ने कहा कि डिस्टिलरी इकाई की जमीन, इमारत, संयंत्र और मशीनरी आदि संपत्ति को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के अंतर्गत प्रोविजनल ऑर्डर जारी किया गया था। सिभावली शुगर्स लिमिटेड पर आरोप है कि उसने गन्ना मूल्य के भुगतान करने के बहाने किसानों और ओबीसी के साथ धोखाधड़ी की थी। इसके आरोप में सीबीआई ने सिभावली शुगर्स मिल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसका संज्ञान लेते हुए गत वर्ष ईडी ने सिभावली चीनी मिल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दायर किया था। सीबीआई द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे के अनुसार 5,762 किसानों को भुगतान के लिए ओबीसी ने सिभावली शुगर्स लिमिटेड की सिभावली चीनी मिल को 148.59 करोड़ रुपये का ऋण दिया था, लेकिन कंपनी ने इसका उपयोग बाहरी वाणिज्यिक कर्ज सहित बकाया ऋण चुकाने, कंपनी के परिचालन खर्च और गन्ना के बकाया का भुगतान करने में किया, जो कि कंपनी को अपनी आय से करना चाहिए था। जांच में कहा गया कि कंपनी ने इस प्रकार जरूरतमंद किसानों की सहायता के लिए कर्ज लेकर नियम और शर्तों का उल्लंघन किया है।
---------------------------- प्रवर्तन निदेशालय से किसी तरह की कार्रवाई किए जाने से संबंधित दस्तावेज या जानकारी नहीं मिली है। कानूनी दस्तावेज मिलने पर ही कुछ कहा जा सकेगा।
-करन सिंह, मुख्य महाप्रबंधक, सिभावली शुगर्स लिमिटेड