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अतिक्रमणकारियों के सामने असहाय बनी पुलिस और नगर पालिका

हैंडलूम नगरी के नाम से प्रसिद्ध पिलखुवा शहर चारों ओर अतिक्रमणकारियों को कब्जा है। अतिक्रमण के चलते शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त पड़ी है। हालात यह है कि प्रमुख बाजारों से लोगों को पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा हैं। पुलिस व पालिका अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। पिलखुवा में बस स्टैंड पर ऑटो चालकों, चाट पकौड़ी वालों का कब्जा हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 07:59 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 07:59 PM (IST)
अतिक्रमणकारियों के सामने असहाय बनी पुलिस और नगर पालिका
अतिक्रमणकारियों के सामने असहाय बनी पुलिस और नगर पालिका

संवाद सहयोगी, पिलखुवा : हैंडलूम नगरी में चारों ओर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। इस कारण नगर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त है। हालात यह है कि प्रमुख बाजारों से लोगों को पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा हैं। पुलिस और पालिका अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।

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बस स्टैंड पर ऑटोरिक्शा चालकों, चाट पकौड़ी वालों का कब्जा हैं। प्रमुख बाजार गांधी रोड, उमराव ¨सह मार्केट, जवाहर बाजार, कोतवाली के निकट दुकानदारों ने सड़क पर सामान रखा हुआ है। दुकान के बाहर वाहन खड़ा कर सामान उतारा और चढ़ाया जाता है। इस कारण प्रमुख बाजारों में अक्सर लोग जाम में फंसते रहते हैं। कई बार हालत ऐसे हो जाते है कि लोगों को पैदल निकलना भी मुश्किल होता हैं। नगर के प्रमुख बाजार राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे है। बाजारों में जाम लगने पर राष्ट्रीय राजमार्ग तक जाम लग जाता है। गांधी बाजार, चंडी रोड, रेलवे रोड हाईवे से सटे बाजार है। कई बार शिकायत करने के बाद भी नगर पालिका और कोतवाली पुलिस समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं निकाल पा रही हैं। नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी विकास कुमार का कहना है कि नालों को पाटकर सड़क का निर्माण शुरू किया जाएगा। इसके बाद बाजारों में लगने वाले जाम से लोगों को निजात मिल जाएगी।

------------ -पुलिस की अनदेखी के चलते नगर में विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। अतिक्रमण के कारण लोगों को रोजाना जाम का सामना करना पड़ता है।

--प्रदीप लोहिया - कोतवाली के निकट ही अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। दुकानदारों ने दुकान के बाहर सामान फैला रखा है, लेकिन पुलिस अनदेखी किए हुए है।

--सुनेपाल तोमर - अतिक्रमण नगरवासियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। पुलिस और नगर पालिका अधिकारी इस समस्या का समाधान करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। उनसे कई बार मांग की जा चुकी है।

--संजय गर्ग


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