Open Drain: हापुड़ में खुले नाले बने मुसीबत, दे रहे हैं हादसों को न्यौता
शहर के सभी मुख्य मार्गों पर नगर पालिका ने बड़े-बड़े नाले बनाए हुए हैं। जिनके सहारे जलनिकासी होती है लेकिन नाले खुले होने के कारण आए दिन हादसों को न्यौता दे रहे हैं।
हापुड़ [शुभम गोयल]। शहर में खुले पड़े नाले आम जन से लेकर पशुओं तक के लिए मुसीबत बने हुए हैं। जगह-जगह यह नाले खुले हुए हैं। जिनमें गिरकर आए दिन लोग घायल हो रहे हैं। यहां तक कि गोवंश भी इनमें गिर जाते हैं। खुले नालों में गिरने से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। बावजूद इसके नगर पालिका के अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
शहर के सभी मुख्य मार्गों पर नगर पालिका ने बड़े-बड़े नाले बनाए हुए हैं। जिनके सहारे जलनिकासी होती है लेकिन, नाले खुले होने के कारण आए दिन हादसों को न्यौता दे रहे हैं। नगर के दिल्ली रोड, गढ़ रोड, स्वर्ग आश्रम रोड सहित अन्य इलाकों में गहरे नाले हैं। इनमें आए दिन गोवंश गिर रहे हैं। यह गोवंश गिरकर घायल हो चुके हैं। इसके अलावा आमजन के गिरने के मामले भी आए दिन सामने आते हैं। पूर्व में शहर के खुले नालों में गिरकर कुछ की मौत भी हो चुकी है। बीते वर्ष तगासराय के नाले में गिरकर एक की मौत हो गई थी।
इसके अतिरिक्त भी अन्य हादसे आए दिन होते रहते हैं। जबकि, इन नालों के निर्माण के समय ही इनके ऊपर के हिस्से को ढकना चाहिए था। लेकिन, अधिकारियों ने लापरवाही दिखाते हुए इस ओर कोई कदम नहीं उठाया। हालांकि, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी जितेंद्र कुमार आनंद कहते हैं जैसे ही बजट मिल जाएगा तो वह नालों को ढकने का काम शुरू कराएंगे। नालों की सफाई प्रतिदिन कराई जाती है।
नहीं मिल सके 30 करोड़
नालों को बंद करने के लिए नगर पालिका ने 30 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। पूरे शहर के सभी बड़े नालों को बंद करने की यह योजना थी। जिससे कि आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लग सके।
गंदगी से लबालब भरे रहते हैं नाले
खुले नालों में गंदगी अधिक जाती है। इस कारण शहर के नालों में पॉलीथिन की भरमार भी रहती है। पॉलीथिन के कारण जलनिकासी बाधिक होती है। जिससे बरसात में शहर में जलभराव हो जाता है।