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दिल्ली-एनसीआर में ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

दिल्ली-एनसीआर में ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर कोतवाली पुलिस और स्वॉट टीम ने सात शातिरों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह बेरोजगारों युवाओं से नौकरी दिलाने व इंटरव्यू करने के नाम पर रुपए वसूलता था। सारा खेल ऑनलाइन चलता था। पुलिस ने इनके कब्जे से दो लैपटॉप पांच एटीएम कार्ड 51 सौ रुपये रजिस्टर 24 टेलीफोन बरामद हुए हैं। एक साल में गिरोह ने करीब सौ लोगों से ठगी की थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Feb 2019 06:26 PM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 06:26 PM (IST)
दिल्ली-एनसीआर में ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
दिल्ली-एनसीआर में ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

संवाद सहयोगी, पिलखुवा : दिल्ली-एनसीआर में ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर कोतवाली पुलिस और स्वॉट टीम ने सात शातिरों को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरोह बेरोजगार युवाओं से नौकरी दिलाने और इंटरव्यू करने के नाम पर रुपये वसूलता था। सारा खेल ऑनलाइन चलता था। पुलिस ने उनसे दो लैपटॉप, पांच एटीएम कार्ड, 51 सौ रुपये, रजिस्टर, 24 टेलीफोन बरामद किए हैं। गत एक वर्ष में इस गिरोह ने लगभग सौ लोगों से ठगी की थी।

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वर्तमान में यह गिरोह लाखन गांव में पूर्व प्रधान का मकान किराये पर लेकर अपना नेटवर्क संचालित कर रहे थे। बुधवार की रात कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर जिला स्वॉट टीम के साथ मकान पर छापा मार कर सात लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपित में गांव बड़ौदा निवासी अमित कुमार, कर्मवीर और मोहन, अचपलगढ़ी निवासी सन्नी कश्यप और, फिरोज गढ़ी हमीद चौक निवासी राज बहादुर हैं। गिरफ्तार सातों आरोपित स्नातक हैं। लंबे समय तक नौकरी नहीं मिलने पर सातों ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। आरोपित ने पहले फर्जी तरीके से बैंकों में अलग-अलग नाम से खाते खोले। मोबाइल नंबर की डिटेल निकालने के बाद वह बेरोजगार को फोन करते थे। प्रसिद्ध कंपनियों में नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया जाता था। इसके चलते उन्होंने देश की प्रसिद्ध कंपनियों के फर्जी आवेदन पत्र ऑनलाइन किए थे। झांसे में आने के बाद युवा की मेल पर भरने के लिए आवदेन फार्म भेजा जाता था। युवा द्वारा आवदेन पत्र भेजने के बाद शातिर बदमाश फोन कॉल कर नौकरी पक्की करने के बदले में पांच से दस हजार रुपये तक पीड़ित से बैंक खाता नंबर में जमा करने को कहते थे। इसके बाद उन खातों से ऑनलाइन रुपये अपने खाते में स्थानांतरित करा लेते थे। रुपयों का सातों आरोपित में बराबर-बराबर बंटवारा होता था। रुपये जमा होते ही शातिर पीड़ित का फोन नंबर ब्लॉक कर देते थे। यह गिरोह एक स्थान पर एक माह से अधिक नहीं रुकता था। विगत एक वर्ष में इस गिरोह ने गाजियाबाद, गुरुग्राम, साहिबाबाद, गौतमबुद्ध नगर, फरीदाबाद आदि स्थानों पर किराये का मकान लेकर नेटवर्क संचालित किया था। दिल्ली-एनसीआर में नौकरी दिलाने के नाम हुई ठगी संबंधी मामलों की कोतवाली पुलिस जानकारी एकत्र करने में जुटी हैं।


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