मक्का खरीद का लक्ष्य पूरा करने में अफसरों के छूट रहे पसीने
जागरण संवाददाता हापुड़ मक्का खरीद के लिए सरकार से मिले लक्ष्य को पूरा करने में खाद्य एवं
जागरण संवाददाता, हापुड़
मक्का खरीद के लिए सरकार से मिले लक्ष्य को पूरा करने में खाद्य एवं विपणन विभाग के पसीने छूट रहे हैं। जनपद के दोनों केंद्रों पर अभी तक सिर्फ 48 मीट्रिक टन मक्का की ही खरीद हुई है। जबकि शासन ने 1500 मीट्रिक टन मक्का खरीद का लक्ष्य दिया है। इसकी मुख्य वजह लापरवाह सिस्टम भी है। किसान लगातार क्रय केंद्र प्रभारियों पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं। केंद्र सरकार ने 2020-21 के लिए मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1760 रुपये से बढ़ाकर 1850 रुपये प्रति क्विटल किया है। राज्य सरकार ने इसके लिए जनपद को 1500 मीट्रिक टन यानि 15 हजार क्विटल मक्का खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके क्रम में खाद्य एवं विपणन विभाग ने हापुड़ मंडी और गढ़मुक्तेश्वर मंडी में दो क्रय केंद्र खोले हैं। दोनों केंद्रों को 750-750 मीट्रिक टन मक्का खरीद का लक्ष्य आवंटित किया है। आलम यह है कि मक्का खरीदने में अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। जनपद में सिर्फ हापुड़ मंडी में बने क्रय केंद्र ने 48 मीट्रिक टन मक्का की खरीद है। जनपद के सिर्फ 21 किसानों को ही लाभ मिला है, लेकिन अधिकतर किसान ऐसे हैं जो सरकारी क्रय केंद्रों पर मक्का नहीं बेच पा रहे हैं। सिभावली ब्लाक के गांव भरना निवासी किसान नरेंद्र कुमार का कहना है कि वह सरकारी क्रय केंद्र पर मक्का बेचना चाहते हैं। इस संबंध में उन्होंने हापुड़ मंडी में केंद्र प्रभारी से मिले। विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण भी कराया। केंद्र प्रभारी ने मक्का का नमूना लाने के लिए कहा। नमूना भी दे दिया। बाद में उन्हें यह कहकर मक्का खरीदने से इन्कार कर दिया कि उनका गांव गढ़मुक्तेश्वर तहसील क्षेत्र में आता है। इसलिए वह गढ़ मंडी में स्थापित क्रय केंद्र पर मक्का बेचें। जबकि सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसान किसी भी क्रय केंद्र पर अपनी फसल को बेच सकता है। इसी तरह कई अन्य किसान भी टरकाने के आरोप लगा रहे हैं। यानि धरातल पर सभी किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। क्या कहते हैं अधिकारी
शासन की मंशा के अनुरूप ही जनपद में मक्का और धान की खरीद की जा रही है। किसानों से अपील है कि वह आनलाइन पंजीकरण कराकर क्रय केंद्र पर फसल को लेकर पहुंचें। गांव भरना निवासी किसान नरेंद्र कुमार ने शिकायत की थी, जिसके संबंध में केंद्र प्रभारियों को निर्देशित कर दिया गया है। किसानों को कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी। सुरेश कुमार यादव, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी