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अब आर्किटेक्ट बनाएंगे मानचित्र, साफ्टवेयर करेगा पास

गौरव भारद्वाज हापुड़ जिले में 300 वर्ग मीटर तक के एकल आवासीय मकान बनाने वाले लाखों लोगों

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 08:43 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 08:43 PM (IST)
अब आर्किटेक्ट बनाएंगे मानचित्र, साफ्टवेयर करेगा पास
अब आर्किटेक्ट बनाएंगे मानचित्र, साफ्टवेयर करेगा पास

गौरव भारद्वाज, हापुड़ :

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जिले में 300 वर्ग मीटर तक के एकल आवासीय मकान बनाने वाले लाखों लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र की कालोनियों में मानचित्र सिर्फ तीन से चार दिन में ही स्वीकृत हो जाएंगे। जिस भी आर्किटेक्ट या इंजीनियर से मानचित्र तैयार कराया है वह आनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम पर मानचित्र को अपलोड कर देगा। नक्शा पास कराने के लिए अब विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

एक साल पहले शासन की तरफ से आनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम की शुरुआत की गई थी। इसमें अधिकारियों की एक श्रंखला तैयार की गई थी। इससे मानचित्र स्वीकृत कराने में काफी परेशानी आ रही थी। मानचित्र स्वीकृत कराने में तीन से चार महीने लग जाते थे। साफ्टवेयर में भी दिक्कत आ रही थी। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए नगर नियोजन विभाग ने ये फैसला किया है। अब बिल्डर्स, आर्किटेक्ट को हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण (एचपीडीए) के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। नई व्यवस्था की शुरुआत भी हो गई है। पहला मानचित्र के लिए शुक्रवार को पहला आवेदन आनलाइन हुआ है। जल्द ही इसके अंतर्गत आवेदनों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

अभी ये थी व्यवस्था

आर्किटेक्ट से मानचित्र बनवाने के बाद उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाता था। इसके बाद मानचित्र पहले लखनऊ जाता था। वहां से जूनियर इंजीनियर, सहायक नगर नियोजक, मुख्य नगर नियोजक, सचिव और उपाध्यक्ष के पास आता था। इन अधिकारियों के लिए समय तय किया हुआ था। जिसमें 15 से 20 दिन लग जाते थे।

अब ये होगी व्यवस्था

अब आर्किटेक्ट द्वारा प्रमाण-पत्र दिया जाएगा कि जो मानचित्र वह स्वीकृत के लिए भेज रहा है, वह प्रस्तावित निर्माण मास्टर प्लान, जोनल प्लान और वर्तमान में बिल्डिंग बायलाज के अनुसार किया जा रहा है। स्वीकृत मानचित्र का प्रमाण पत्र जारी होने के बाद भी उसमें लिखा गया है कि अगर कुछ भी मौके पर गलत पाया गया तो इसे रद कर दिया जाएगा।

लोगों को मिली है बड़ी राहत

आर्किटेक्ट महरूफ का कहना है कि सरकार की इस नई नीति से हजारों लोगों को बड़ी राहत मिली है। जो मानचित्र तीन से चार महीनों में स्वीकृत हो रहे थे, वह अब तीन से चार दिन में स्वीकृत हो जाएंगे, लेकिन इसमें आर्किटेक्ट की जवाबदेही बढ़ जाएगी।

क्या कहते हैं अधिकारी

मानचित्र स्वीकृत कालोनी या प्राधिकरण क्षेत्र का होना चाहिए। आर्किटेक्ट लिखकर देंगे कि मैंने मानचित्र बिल्डिंग बायलाज के अनुसार बनाया है। मानचित्र स्वत: ही स्वीकृत हो जाएगा। इसकी कोई स्क्रूटनी इंजन में भी नहीं जाएगा। फिलहाल इसकी शुरुआत हुई है। शुक्रवार को मानचित्र के लिए पहला आवेदन आया है।

-अर्चना वर्मा, उपाध्यक्ष, हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण


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