नोडल अधिकारी ने जाना ककराना में विकास कार्यों का सच
सांसद के आदर्श गांव ककराना में जनपद के नोडल अधिकारी संतोष यादव ने किए गए विकास कार्यों का सत्यापन किया। सरकारी विद्यालय परिसर में एक चौपाल लगाई। जिसमें उन्होंने ग्रामीणों की समस्या सुनी। यहां पर पौधारोपण किया। इसके साथ ही विद्यालय के बच्चों की शिक्षा का स्तर भी जाना। आंगनबाड़ी केंद्रों का भी निरीक्षण कर सुधार के निर्देश दिए। करीब ग्यारह बजे ककराना पहुंचे संतोष यादव ने सबसे पहले कक्षा सात के कक्ष में जाकर बच्चों से कुछ सवाल पूछे। पहाडे़ आदि
संवाद सहयोगी, धौलाना:
सांसद के आदर्श गांव ककराना में जनपद के नोडल अधिकारी संतोष यादव ने किए गए विकास कार्यों का सत्यापन किया। सरकारी विद्यालय परिसर में एक चौपाल लगाई, जिसमें उन्होंने ग्रामीणों की समस्या सुनी। यहां पर पौधारोपण किया। आंगनबाड़ी केंद्रों का भी निरीक्षण कर सुधार के निर्देश दिए।
करीब ग्यारह बजे ककराना पहुंचे संतोष यादव ने सबसे पहले कक्षा सात के कक्ष में जाकर बच्चों से कुछ सवाल पूछे। पहाडे़ आदि के बारे में पूछा। सही जबाव मिलने पर अध्यापक अजय कुमार की सराहना की। इसके बाद वे आंगनबाड़ी केंद्र पर पहुंचे। यहां पर बच्चों को दिए जाने वाले पुष्टाहार व शिक्षा के बारे में जानकारी ली। आंगनबाडी कार्यकत्री आदेश तोमर, शीलम सिसौदिया व सुनीता सिसौदिया के जबाव से संतुष्ट नजर आए। उन्होंने शौचालय, स्वास्थ्य, शिक्षा, नाली, नल, मार्ग, आदि के बारे में कराए गए कार्यों के बारे में ग्रामीणों से पूछा। ग्रामीणों ने बिजली का खंभा टूटने, मीटर शुरु न करने, राशन कार्ड न बनाए जाने, आधे गांव में मुख्य मार्ग न बनाए जाने, शुगर की दवा उपलब्ध न होने आदि शिकायतें कीं। जिन्हें जल्द ही दूर कराने के आदेश दिए। इस अवसर पर सीडीओ दीपा रंजन, एसडीएम हनुमान प्रसाद, सीओ संतोष कुमार, तहसीलदार अजय कुमार उपाध्याय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र गुप्ता, खंड शिक्षा अधिकारी एमएल पटेल, बीडीओ निशांत पांडेय, प्रधान अध्यापक रामकिशोर ¨सह, रीमा जैन, अमरपाल सिसौदिया, ग्राम प्रधान दिनेश राणा, सतीश राणा आदि मौजूद रहे। किसानों के नाम दर्ज मुकदमे हटाने की मांग : ग्रामीण चरण ¨सह सिसौदिया ने नोडल अधिकारी से कहा कि जब वे जनपद गाजियाबाद के डीएम थे तो उस समय रिलायंस पावर परियोजना के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट के अधिग्रहण रद कर दिया है। लेकिन अब तक जमीन किसानों के नाम पर दर्ज नहीं है। साथ ही किसानों पर दो दर्जन से अधिक फर्जी मुकदमे लगाए हैं। उन्होंने जमीन के दस्तावेजों में किसानों के नाम दर्ज कराने व फर्जी मुकदमे हटाने की मांग की।