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रेलवे से अनुमति के इंतजार में नवनिर्मित नाला बदहाल

संवाद सहयोगी पिलखुवा परतापुर रोड पर लाखों की लागत से बना नवनिर्मित नाला पानी निकासी नहीं

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 06:38 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 06:38 PM (IST)
रेलवे से अनुमति के इंतजार में नवनिर्मित नाला बदहाल
रेलवे से अनुमति के इंतजार में नवनिर्मित नाला बदहाल

संवाद सहयोगी, पिलखुवा:

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परतापुर रोड पर लाखों की लागत से बना नवनिर्मित नाला पानी निकासी नहीं होने के कारण बदहाल है। बीच में रेलवे फाटक आने के कारण एक साइट से पानी की निकासी बाधित है। नगर पालिका परिषद द्वारा कई बार रेल पटरी के नीचे पाइप डालने को लेकर अनुमति के लिए पत्र लिखा जा चुका है। बावजूद इसके अभी तक रेल पटरी के नीचे से पाइप डालने की अनुमति नहीं मिल सकी है। इस कारण बारिश होने पर रोड पर जलभराव के हालात बन जाते हैं। पालिका कर्मी मोटर से नाले का पानी निकालने को मजबूर हैं।

लंबे समय से सद्दीकपुरा और पहलादनगर सहित कई कॉलोनियों के लोग नाला नहीं होने के कारण जलभराव की समस्या से जूझ रहे थे। नालियों का पानी अक्सर कॉलोनियों के रास्ते पर भरा रहता था। इस बावत अनेकों बार मांग होने के बाद नगर पालिका परिषद ने सुध ली और कॉलोनियों की नालियों को जोड़ते हुए परतापुर रोड पर नाले का निर्माण कराया गया। नाला निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। केवल परतापुर रेलवे रोड के पास का निर्माण शेष है। नगर पालिका द्वारा रेल पटरी के नीचे से पाइप डालकर दोनों तरफ के नाले को जोड़ा जाएगा। इसके चलते कॉलोनियों का पानी नाले में होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित नाले में जाएगा। पटरी के नीचे पाइप डालने को लेकर पालिका द्वारा अनेकों बार रेलवे को पत्र लिखा जा चुका है। जिलाधिकारी के माध्यम से भी रेलवे को पालिका द्वारा मांग पत्र भेजा गया है। बावजूद इसके निर्माण संबंधित अनुमति नहीं मिल सकी हैं। इस कारण लाखों की लागत से बने नाले की फाटक के दूसरी साइट से पानी निकासी बाधित हैं। कॉलोनियों की नालियों के पानी नवनिर्मित नाले में फाटक के पास आकर ठहर जाता है। कई बार बारिश होने पर निकासी बाधित होने के कारण नाले का पानी सड़क पर भर जाता है, जिससे जलभराव के हालात बन जाते है।

नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी विकास कुमार ने बताया कि फाटक के दोनों तरफ नाला बन चुका है। केवल फाटक से रेल पटरी के नीचे से पाइप डालने शेष है। इसके लिए रेलवे से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही पाइप डालकर दोनों तरफ के नाले को जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद जलभराव की समस्या नहीं रहेगी। फिलहाल जलभराव होने पर मोटर के जरिए पानी निकाला जाता है।


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