महाशिवरात्रि पर्व आज, सुरक्षा के कड़े प्रबंध
महाशिवरात्रि पर्व शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मनाया जाएगा। तमाम शिवालय और मंदिरों को भव्यता के साथ सजाया गया है। प्राचीन सबली मंदिर पर दोपहर 2.49 मिनट पर कांवड़िए जलाभिषेक शुरू करेंगे। इससे पहले श्रद्धालु भगवान आशुतोष का जलाभिषेक कर सकेंगे। वहीं प्राचीन छपकौली मंदिर पर दोपहर 2.40 बजे कांवड़िये जलाभिषेक करेंगे। जनपद का माहौल शिवमय हुआ है।
जागरण संवाददाता, हापुड़:
महाशिवरात्रि पर्व शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मनाया जाएगा। इस आयोजन के लिए शिवालय और मंदिरों को भव्य रूप में सजाया गया है। प्राचीन सबली मंदिर पर कांवड़िये दोपहर 2.49 पर जलाभिषेक शुरू करेंगे। इससे पहले अन्य श्रद्धालु भगवान आशुतोष का जलाभिषेक कर सकेंगे। वहीं छपकौली के प्राचीन मंदिर पर कांवड़िये दोपहर 2.40 पर जलाभिषेक करेंगे। इस दौरान पूरे जनपद का माहौल शिवमय हो गया है।
शिवरात्रि पर्व के दृष्टिगत पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। विभिन्न मंदिरों, प्रमुख मार्गों और मिश्रित आबादी क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जनपद के अधिकतर मंदिर सजकर तैयार हो गए हैं और कांवड़ियों का मंदिरों पर पहुंचना शुरू हो गया है। सबली मंदिर में व्यवस्था बनाए रखने के लिए संरक्षक बिजेंद्र प्रधान, सुधीर त्यागी, पवन त्यागी, राजेंद्र भगत, हिमांशु मित्तल, जयकरण भाटी, बिजेंद्र भाटी, राधेलाल, सन्नी त्यागी, मनोज त्यागी, सुधाकर, ब्रजभूषण आदि व्यवस्था बनाने में जुटे हैं। प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि मंगलवार दोपहर 2.49 बजे कांवड़ियों द्वारा जलाभिषेक किया जाना शुरू हो जाएगा। कांवड़ियों को जलाभिषेक के लिए टोकन व्यवस्था लागू की गई है। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर में बैरिकेटिग कराई गई है और सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए हैं।
कांवड़ियों और श्रद्धालुओं को जलाभिषेक करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। कांवड़ियों के रुकने और खाने पीने और उनके उपचार की विशेष व्यवस्था की गई है।
उधर बाबूगढ़ क्षेत्र के ग्राम छपकौली स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर भी जलाभिषेक की विशेष व्यवस्था की गई है। यहां भी हजारों श्रद्धालु और कांवड़िये भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करते हैं। चंडी मंदिर में भी जलाभिषेक का विशेष प्रबंध किया गया है। इस अवसर पर मेले का भी आयोजन किया जाएगा।
गढ़मुक्तेश्वर संवाददाता के अुनसार मंगलवार सुबह प्रारंभ होने वाले जलाभिषेक पर्व को लेकर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। भगवान भोले के जलाभिषेक के लिए मुक्तेश्वरा महादेव (नक्का कुआं) और पंचायती मंदिर, कल्याणपुर स्थित कल्याणेश्वर मंदिर, दतियाना के लाल मंदिर और बक्सर के शिव मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद कर दी है। जलाभिषेक के दौरान किसी भी अफरा-तफरी की संभावना को रोकने के उद्देश्य से प्रबंध समितियों ने मंदिरों के बाहर बल्लियां और रस्सी बांधकर बैरिकेटिग करा दी है। पुलिस क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार शुक्ल ने बताया कि जिन मंदिरों में जलाभिषेक होना है उन पर अतिरिक्त चौकसी बरतने और संपर्क मार्गों पर पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है। संदिग्ध लोगों पर पैनी नजर रखी जा रही है। उपजिलाधिकारी राम मूर्ति त्रिपाठी ने बताया कि जलाभिषेक से जुड़े सभी मंदिरों पर शिवभक्तों की सुविधा के मद्देनजर पीने के पानी की विशेष व्यवस्था करा दी गई है, जबकि महिला कांवड़ियों के ठहरने के लिए मंदिरों के निकट अलग व्यवस्था कराई गई हैं। उन्होंने दावा किया कि जलाभिषेक के दौरान किसी भी गड़बड़ी की कोशिश करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
---------------------- -जनपद के प्रमुख शिवमंदिर
* सबली मंदिर
* चंडी मंदिर
* छपकौली शिव मंदिर
* चंडी मंदिर पिलखुवा
* ग्राम दहपा स्थित शिव मंदिर
* नक्का कुआं मंदिर गढ़मुक्तेश्वर
------------- चार जोनल और 12 सेक्टर मजिस्ट्रेट गश्त पर रहेंगे
जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में स्थित शिवालयों पर जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट तैनात कर दिए हैं। सभी मजिस्ट्रेट अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद रहेंगे।
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- क्या कहती हैं जिलाधिकारी
जनपद में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। विभिन्न स्थानों पर पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था संभाले हुए हैं। कांवड़ियों को अपने धर्मिक अनुष्ठान में किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। सभी मजिस्ट्रेट अलग-अलग क्षेत्र में तैनात कर दिए गए हैं।
--अदिति सिंह, जिलाधिकारी
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क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक
शिवरात्रि पर्व को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। संदिग्ध लोगों पर पैनी निगाह रखी जा रही है। सबली मंदिर, छपकौली मंदिर, ब्रजघाट पर सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। शांति और व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
--डॉ.यशवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक
----------------------------- भोलेनाथ की प्रसन्नता को जलाभिषेक का विशेष महत्व
जागरण संवाददाता, हापुड़:
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक का विशेष महत्व है। जल पवित्रता का सूचक है। इसी जल को भगवान को अर्पित करके श्रद्धालु भगवान से अपने मन की पवित्रता और हृदय में सद्भावना की कामना करते हैं। शिव संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ कल्याण है। भगवान शिव की आराधना अनादि काल से चली आ रही है। अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं।
पंडित संतोष तिवारी ने बताया कि अनेक वस्तुओं से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। दुग्धाभिषेक पुत्र प्राप्ति के लिए, दही से अभिषेक स्नेह के लिए, घी से अभिषेक प्रेम वृद्धि के लिए, शहद से अभिषेक धन के लिए, गन्ने के रस से अभिषेक व्यापार वृद्धि के लिए, गिलोय रस से अभिषेक रोग नाश के लिए, बेल के रस से सम्मान प्राप्ति के लिए अभिषेक किया जाता है।
------------ - जलाभिषेक में बरती जाने वाली सावधानियां
* पंचामृत चढ़ाने के पश्चात जल अवश्य चढ़ाएं
* शिवलिग पर रोली न चढ़ाकर चंदन चढ़ाएं
* खंडित बेलपत्र न चढ़ाएं
* जलाभिषेक के समय सबसे प्रथम गणेश जी, नंदी जी, कार्तिकेय, गौरी जी उसके पश्चात शिवलिग की क्रमपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
* शिवजी के जलअहरी का जल नहीं लांघना चाहिए और न पीना चाहिए।
* प्रत्येक वैष्णव को नारायण भक्ति के लिए शिव की आराधना करनी चाहिए।
--------------- - कैसे करें भगवान शिव की पूजा
पंडित संतोष तिवारी ने बताया कि भगवान शिव की शास्त्रीय पूजा विधि में सबसे प्रथम जल द्वारा भगवान शिव परिवार का अभिषेक करें। उसके बाद पंचामृत दूध, दही, घी, शहद, बूरा को क्रम पूर्वक चढाएं। पुन: शुद्ध जल से स्नान कराकर वस्त्र आदि अर्पण करें। चंदन, अक्षत, पुष्पमाला, बेलपत्र, धूप दीप, प्रसाद सामग्री, फल, पान आदि समर्पित करें। क्षमा याचना करते हुए पुष्पांजलि भगवान को समर्पित करनी चाहिए।